IRCTC Indian Rail: डेढ़ वर्ष बाद गरीब रथ से सफर, सिल्क सिटी वासियों ने हाथ हिलाकर जताई खुशी, न्यू फरक्का भी शुरू
IRCTC Indian Rail कोरोना काल में लगभग डेढ़ वर्ष बाद ‘गरीब रथ’ स्पेशल से पूर्व बिहार के यात्रियों ने सफर किया। भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल के बीच रेल परिचालन शुरू हो गया है। न्यू फरक्का भी शुरू हो गया है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। IRCTC Indian Rail: लगभग डेढ़ वर्ष बाद ‘गरीब रथ’ स्पेशल से सिल्क सिटी सहित पूर्व बिहार के यात्रियों ने सफर किया। कम पैसे में भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल के बीच एसी थ्री कोच में फिर से सफर करने का मौका मिला तो यात्रियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। हाथ हिलाकर खुशी का इजहार किया। स्टेशन पर स्टॉल संचालकों के चेहरों पर भी रौनक दिखी। गरीब रथ का आखिरी सफर 2018 के दिसंबर भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल के बीच हुई थी। यात्री आराम से ट्रेन में सवार हुए। सिग्नल हरा होने के बाद गार्ड ने हरी झंडी दिखाई और ट्रेन भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल के निर्धारित समय पर खुली।
पूछताछ काउंटर पर लगातार उद्घोषणा की जा रहा थी। ट्रेनों के चलने की सूचना से यात्री काफी खुश दिखे। मुख्य द्वार में प्रवेश करने के बाद यात्रियों की ऑटोमेटिक और मैनुअल थर्मल स्क्रीनिंग की गई। ट्रेन में सभी पैसेंजर मास्क पहने थे। कंफर्म टिकट जांच होने के बाद स्टेशन जाने दिया गया। स्पेशल ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों के चेहरे पर खुशी दिखी। पहले दिन सात सौ से ज्यादा यात्री भागलपुर जंक्शन पर सवार हुए। दूसरी ओर सप्ताह में दो दिन चलने वाली मालदा टाउन-नई दिल्ली न्यू फरक्का स्पेशल का परिचालन भी सामान्य हो गया।
चेयरकार नहीं, सिर्फ एसी थ्री कोच में
भागलपुर-आनंद विहार टर्मिनल के बीच चल रही गरीब रथ स्पेशल में चेयरकार कोच हटा लिए गए हैं। इसमें सभी कोच एसी थ्री के लगे हैं। एसी चेयर कार कोच हटने से एसी थ्री के कोच में सीटों की संख्या में लगभग 320 बढ़ गई है। इससे वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को काफी राहत होगी। इस ट्रेन की डिमांड ज्यादा है कि 29 जून तक सभी सीटें बुक हो गई है। लंबी प्रतिक्षा सूची दिख रही है।
12 बजे ही पहुंचने लगे थे यात्री
गरीब रथ स्पेशल ट्रेन का समय जंक्शन पर दोपहर 1.40 है। यात्रियों को 90 मिनट पहले पहुंचना था। पर, यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला 12 बजे से ही शुरू हो गया। रवेश गेट पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान मुस्तैद रहे। स्टेशन तक छोडऩे आए स्वजनों को मुख्य गेट से बाहर ही रहना पड़ा। कुछ स्वजन प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए तो उन्हें बाहर कर दिया गया।