कालाजार को काबू करने के लिए किया जा रहा है इनडोर स्प्रे
कालाजार के पूर्ण उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है।
पूर्णिया (दीपक शरण): कालाजार के पूर्ण उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। पूर्णिया जिला राज्य के दस अतिप्रभावित चिह्नित जिलों में शामिल है। सहरसा, मधेपुरा, अररिया, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, वैशाली, सारण के साथ पूर्णिया जिला भी शामिल है। जिले के अति प्रभावित प्रखंडों के गांवों में 17 से इनडोर स्प्रे की शुरूआत की गई है। दरअसल कालाजार के लिए जिम्मेदार बालू मक्खी घर के अंदर के दीवार जिसमें नमी और गंदगी रहती है उसमें रहते और प्रसार करते हैं। वह छह फीट से अधिक उच्चाई में नहीं उड़ पाता है। इसके लिए विशेष तकनीक से एसपी स्प्रे दीवारों में किया जाता है।
552 राजस्व ग्राम छिड़काव के लिए हैं चिह्नित वाहक जनित रोग नियंत्रण सलाहकार पदाधिकारी रणधीर कुमार ने बताया कि 552 राजस्व ग्रामों को जिले में छिड़काव के लिए चिह्नित किया गया है। यह 60 कार्यदिवस में चलेगा। इस कार्य में 135 टीमें 60 दिनों तक छिड़काव का काम करेगी। स्प्रे अभियान की शुरूआत 17 अगस्त से की गई है। इस दौरान 552 राजस्व ग्राम में 482678 घरों में छिड़काव का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान 2403380 जनसंख्या कवर की जाएगी। घर के अंदर स्प्रे किया जाएगा। इसके लिए 22594 किलो एसपी (¨सथेटिक पाराथाइराइट) घोल का छिड़काव किया जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका के प्रशिक्षक जोउल ने यहां आकर 2016 में छिड़काव का लिए प्रशिक्षण दिया था। जिले में चार गांव हॉट स्पॉट चिह्नित जिले में इस साल अबतक 120 कालाजार के मामले सामने आ चुके हैं। जिले में चार हॉटस्पॉट घोषित किया गया है। वैसे गांव जहां पांच या उससे अधिक कालाजार के मामले मिल जाते हैं उन्हे कालाजार हॉटस्पॉट घोषित कर सघन छिड़काव अभियान और निगरानी रखी जाती है। जानकीनगर विनोवाग्राम, केनगर पनसौही, भवानीपुर भमैर और बनमनखी के एक गांव हैं जहां विशेष निगरानी रखी जा रही है। पिछले चार वर्ष के आंकड़े देखें तो 2015 में 389, 2016 में 237, 2017 में 212 मामले मिले थे। इस वर्ष 120 मामले अबतक प्रकाश में आ चुके हैं।