रेल यात्री कृपया ध्यान दें... होली से पहले भागलपुर से बांका के बीच इस ट्रेन से होगा सफर
16 मार्च को मुख्य संरक्षा आयुक्त करेंगे निरीक्षण 25 मार्च तक परिचालन को मिलेगी हरी झंडी। भागलपुर और बांका के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से पेन परिचालन शुरू होने के बाद इस रेल सेक्शन पर मेमू ट्रेन (मेन लाइन मल्टीपल ट्रेन) भी चलेगी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। होली से पहले भागलपुर- बाराहाट-बांका के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलने की उम्मीद है। इस रेल सेक्शन पर विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया गया है। रेलवे की विद्युतीकरण टीम ने इलेक्ट्रिक इंजन चलाकर पहला सफल ट्रायल भी कर लिया है। अब 16 मार्च को मुख्य संरक्षा आयुक्त इलेक्ट्रिक इंजन के साथ 22 कोच की ट्रेन दौड़ाकर विद्युतीकरण का निरीक्षण करेंगे। मुख्य संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण के एक सप्ताह बाद इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन परिचालन संबंधित रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद भागलपुर से बांका के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। डीआरएम यतेंद्र कुमार ने बताया कि इस रेल सेक्शन पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन में चलने से यात्रियों को काफी सहूलियत होगी। यात्रियों की बेहतर सुविधा के लिए मालदा मंडल की ओर से हर प्रयास किए जा रहे हैं।
मेमू ट्रेन की होगी शुरुआत
भागलपुर और बांका के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से पेन परिचालन शुरू होने के बाद इस रेल सेक्शन पर मेमू ट्रेन (मेन लाइन मल्टीपल ट्रेन) भी चलेगी। इसके चलने से न सिर्फ ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी बल्कि समय की बचत भी होगी। बीच के स्टेशनों पर इंजन बदलने का झंझट भी नहीं रहेगा। अभी भागलपुर से बांका की दूरी तय करने में पैसेंजर ट्रेनों को ढाई से तीन घंटे लगते हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलने के बाद यह दूरी दो से सवा दो घंटे में तय होगी। 16 मार्च को होने वाले निरीक्षण को लेकर रेलखंड पर तैयारी पूरी कर ली गई है। पीडब्ल्यूआई की टीम पुल-पुलियों का निरीक्षण भी कर रही है। उधर, बांका से चानन और देवघर के बीच में विद्युतीकरण का कार्य करीब-करीब पूरा कर लिया गया है।
1.23 घंटे में पहुंची इलेक्ट्रिक इंजन
भागलपुर से बांका के बीच शनिवार की देर रात इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल लिया गया। भागलपुर से बांका के करीब 51 किमी की दूरी तय करने में 1.23 घंटे लगे। ट्रायल अप और डाउन लाइन में पूरी तरह सफल रहा। इलेक्ट्रिक एक्सक्यूटिव इंजीनियर हिमांशु सिंह, सहायक इलेक्ट्रिक इंजीनियर संतोष कुमार और चीफ लोको इंस्पेक्टर मुकेश मनी पांडे सहित पूरी टीम थी। सीआरएस निरीक्षण के पूर्व यह ट्रॉयल लिया गया था। किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। इलेक्ट्रिक इंजन 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी।