'पिछले दो साल में सिर्फ एक आदमी नसबंदी के लिए हुआ राजी', बांका का ये आंकड़ा आपको चौका देगा
परिवार नियोजन की पूरी जिम्मेदारी आज भी महिलाओं के कंधे पर ही है। पुरुषों की इसमें भागिदारी ना के बराबर है। बांका के बाराहाट प्रखंड में पिछले दो सालों में महज एक पुरुष ने नसबंदी कराई। ये आंकड़ा इसकी सच्चाई...
संवाद सूत्र , बाराहाट (बांका)। इन दिनों सरकार फैमिली प्लाङ्क्षनग पर अधिक जोर दे रही है। खासकर इसमें पुरुषों की भागीदारी महिलाओं की तुलना में बेहद कम रहने पर इसे अभियान चलाकर जागरुक किया जा रहा है। इसके बाद स्थिति निराशाजनक है। दरअसल, पुरुष नसबंदी के आंकड़े इस बात का भी पुष्टि कर रहा है कि अब तक प्रखंड क्षेत्र में महज एक पुरुषों ने नसबंदी कराई है। वहीं, वर्ष 2020 - 21 में चार पुरुषों ने नसबंदी में रुचि दिखाई । यह आंकड़ा सिर्फ बाराहाट प्रखंड का है।
बीते वर्ष प्रखंडों की पीएससी के जिम्मेदार पुरुषों को नसबंदी के लिए प्रेरित ही नहीं कर पाए थे। परिवार नियोजन का पाठ अधूरा ही रहा, जबकि नवंबर माह में जागरूकता पखवाड़ा भी मनाया गया। हाल यही रहा तो बीते वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष का पुरुष नसबंदी आंकड़ा कम रह जाएगा।
एक नजर-----
19-20 पुरुष एक महिला 646
20-21पुरुष चार महिला711
21-22 पुरुष एक महिला297
वर्ष 19-20 में एक पुरुषों में दिखाई थी समझदारी। -
वित्तीय वर्ष 20-21 की बात की जाए तो चार पुरुषों ने नसबंदी कराई थी। इस वर्ष अभी तक एक पुरुषों की नसबंदी हुई है। बात अगर महिला नसबंदी की जाय तो वर्ष 2019-21 में पुरुष नसबंदी का आंकड़ा महज छह रहा और परिवार नियोजन के इस कार्यक्रम में 1654 महिलाओं की सहभागिता रही।
जागरुकता कार्यक्रम का भी नहीं हो रहा है खास असर,
-पुरुष नसबंदी में इस वर्ष नहीं खुला है खाता-
--परिवार नियोजन में रुचि नहीं दिखा रहे हैं पुरुष ,
परिवार नियोजन को लेकर कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं इसके इसके से पुरुष
परिवार नियोजन को लेकर कई कार्यक्रम चलाए जा रहे है,इसमें पुरुष नसबंदी भी एक है ।पुरुषों को जागरूकता के साथ साथ प्रोत्साहन राशि से लेकर कई अन्य लाभों पर कोई प्रभावी असर नही हो रहा है। परिवार नियोजन में सहभागिता की सीख भी दी जाती है। हालत यह है कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी लगातार कम होती जा रही है। तमाम प्रयासों के बाद भी उस परिवार नियोजन के पाठ में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
दंपती को परिवार नियोजन की जानकारी के साथ जागरूक भी किया जाता है । समय-समय पर इनके लिए कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। नसबंदी में पुरुषों की संख्या कम है । इसके लिए लगातार जागरूकता को लेकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। लाख प्रयास के बाद भी नसबंदी में पुरुषों की सहभागिता काफी कम है। इसके लिए पुरुषों को प्रेरित भी किया जा रहा है। -डा रश्मि सीमा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाराहाट