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बदलेगी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था, जानें... बेहतर पढ़ाई के लिए क्या बनीं योजनाएं

नई योजना के तहत जो छात्र 40 फीसद से कम अंक लाएंगे। उसके लिए स्कूल स्तर पर विशेष कक्षा संचालित होगी। इसकी व्यवस्था जिला स्तर पर शिक्षा अधिकारी करेंगे।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 01:24 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2019 01:24 PM (IST)
बदलेगी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था, जानें... बेहतर पढ़ाई के लिए क्या बनीं योजनाएं
बदलेगी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था, जानें... बेहतर पढ़ाई के लिए क्या बनीं योजनाएं

भागलपुर [जेएनएन]। जिले के माध्यमिक स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्तापूर्ण सुधारने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसकी कवायद भी तेज से चल रही है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक अरविंद कुमार वर्मा ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं डीपीओ सर्वशिक्षा अभियान को पत्र जारी कर अब हर माह कलेंडरिंग के हिसाब से पढ़ाई की व्यवस्था कराने और बच्चों की मासिक जांच परीक्षा लेने का निर्देश दिया गया है।

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जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि जो छात्र 40 फीसद से कम अंक लाएंगे। उसके लिए स्कूल स्तर पर विशेष कक्षा संचालित होगी। इसकी व्यवस्था जिला स्तर पर शिक्षा अधिकारी करेंगे। इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इधर जिला शिक्षा पदाधिकारी मधुसूदन पासवान ने कहा कि राज्य परियोजना निदेशक से प्राप्त आदेश का अनुपालन करने के लिए जिले के सभी माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों को दे दी गई है। इसका पर्यवेक्षण भी कराया जा रहा है।

प्रारंभिक स्कूलों में अब लटकेगी गुरुजी की तस्वीर
जिले के प्रारंभिक स्कूलों में अब मास्टर जी की तस्वीर लगेगी। रोज स्कूल के सूचना पट पर उन शिक्षकों की तस्वीर लगाई जाएगी, जो स्कूल में उपस्थित होंगे। तस्वीर के साथ यह उल्लेखित होगा कि कौन से मास्टर साहब किस कक्षा में क्या पढ़ाएंगे। स्कूल में आने वाले अभिभावक भी उक्त तस्वीर को देख उनकी उपस्थिति का पता कर पाएंगे।

क्यों तस्वीर लगाने की पड़ी जरूरत
विद्यालय में यह व्यवस्था इसलिए की जा रही कि स्कूलों में गुरुजी उपस्थिति बनाकर गायब नहीं हो सकें। उन्हें नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित होना पड़ेगा। अगर बगैर बताए स्कूल से गायब हुए तो छात्र उनकी शिकायत सीधे अफसर से कर सकेंगे। गायब शिक्षक को यह बताना होगा कि आखिर किस वजह से वे स्कूल नहीं आए।

सर्वे में छात्रों के उठाए सवाल पर बनाई गई व्यवस्था
प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में कराए गए एक सर्वे में छात्रों ने शिक्षा विभाग के अफसरों को जानकारी दी थी कि छात्र तो नियमित तौर पर स्कूल आते हैं, लेकिन पढ़ाने वाले गुरुजी ही नदारद रहते हैं। इस वजह से किसी खास विषय में बच्चे कमजोर रह जाते हैं। अब विभाग ने तय किया है कि प्रारंभिक स्कूल के सूचना पट पर प्रत्येक दिन मास्टर साहब की तस्वीर लगाई जाएगी और इसके साथ ही उनका ड्यूटी चार्ट भी होगा। यह आदेश बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के परियोजना निदेशक ने सभी डीईओ एवं डीपीओ सर्वशिक्षा को पत्र प्रेषित कर जारी कर दिया है।


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