शराबबंदी का सच : नवगछिया में खूब छलक रहा जाम, इस धंधे से जुड़े हैं ज्यादातर पुराने दागी Bhagalpur News
सवाल उठता है कि जब शराबबंदी है तो शराब आती कहां से है? किसने दम पर गांव-गांव में यह अवैध धंधा चल रहा है?
भागलपुर [जेएनएन]। पुलिस जिला नवगछिया के गांवों में शराबबंदी के बाद भी खूब जाम छलक रहा है। तीन साल बीत गए, पर अवैध शराब की बिक्री नहीं थमी। आए दिन शराब की बरामदगी और शराब के नशे हंगामा करते लोगों के पकड़े जाने का मामला उजागर होता रहा है, जो यह बताता है कि अवैध शराब का काला कारोबार यहां आज भी फल-फूल रहा है। सवाल उठता है कि जब शराबबंदी है तो शराब आती कहां से है? किसने दम पर गांव-गांव में यह अवैध धंधा चल रहा है? क्या पुलिस का खुफिया तंत्र ध्वस्त हो चुका है? या फिर मिलीभगत है?
आलम यह है कि शराबबंदी से पहले शराब की दुकानों तक जाना पड़ता था, अब घर बैठे एक फोन पर आसानी से शराब मिल जाती है। हां, कीमत जरूर बढ़ गई। 500 से मिलने वाली शराब अब 1000 से 1500 रुपये तक में मिलती है। नवगछिया अनुमंडल के अधिकांश पुराने दागी इस समय शराब के अवैध कारोबार से जुड़े हैं।
ये जुड़े हैं अवैध कारोबार से
खरीक थाना क्षेत्र के तुलसीपुर में मंचन कुंवर और छोटू राय। इनके द्वारा एक सुनसान घर में छिपा कर रखी गई शराब की बड़ी खेप पुलिस पहले बरामद कर चुकी है। मंचन एसपी कोठी के पास आम्र्स लेकर पकड़ा गया था, जिसमें वह जेल भी गया था। ध्रुवगंज में चितरंजन कुंवर। कई बार जेल जा चुका है। कठैला में सुमन चौधरी। नया टोला तेलघी में नीरज पासवान। इस पर भी कई मामले थाने में दर्ज हैं। तेलघी में मनीष सिंह, शिवशंकर सिंह उर्फ मिठाई, सज्जन सिंह उर्फ करका, अरूण सिंह। सज्जन कई कांडों में आरोपित रहा है। जमालदीपुर में मोहन यादव, गौरव यादव। बिहपुर के लत्तीपुर में लोचना उर्फ रोशना। नारायणपुर के गनौल में मिनचून कुमर। यह शराब के साथ तीन बार पकड़ा जा चुका है।
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