बच्चों के दिल में छेद है तो मुफ्त होगा इलाज, विशेषज्ञ चिकित्सक करते हैं पहचान और स्क्रीङ्क्षनग
अब वैसे बच्चों का मुफ्त में इलाज कराया जा रहा है जिनके दिल में छेद है । यह केवल बाल ह्रदय योजना के तहत निशुल्क इलाज का ही परिणाम है । सरकार की इस योजना से और लोगों को जोडऩे के लिए लगातार हम सब जागरूक कर रहे हैं ।
संवाद सहयोगी, जमुई। बाल हृदय योजना की शुरुआत हुए कुछ ही हफ्ते हुए हैं परन्तु योजना के उद्देश्यों के प्राप्त होने की चर्चा समुदाय स्तर पर हो रही है । इसके तहत वैसे बच्चों का मुफ्त में इलाज कराया जा रहा है, जिनके दिल में छेद है । इसी क्रम में खैरा प्रखंड के खुटौना और हरदीमोड़ गांव के दो बच्चों का गुजरात के अहमदाबाद स्थित प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से इसी माह 2 से 8 अप्रैल के दौरान इलाज किया गया। दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं ।
केस स्टडी-1
प्रियंका कुमारी के बड़े भाई करमचन्द्र कुमार ने कहा कि मेरी बहन जब से इलाज कराकर लौटी है, उसे शुरुआती दो दिनों बाद हिचकी की शिकायत हुई थी। बाद में जिला समन्वयक, राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम के डॉ. कृष्णमूर्ति की सलाह लेने के बाद ठीक हो गई । उसके बाद वो हम सबों के साथ और बच्चियों की तरह खेलकूद, पढाई और घरेलु कार्यों में भी हाथ बंटाने लगी है । यह केवल बाल ह्रदय योजना के तहत नि:शुल्क इलाज का ही परिणाम है । इसको लेकर प्रियंका की चाची ङ्क्षपकी देवी और चाचा रामू मंडल ने कहा कि प्रियंका को जन्म के बाद इतने प्रसन्न हमने कभी नहीं देखा था।अब उसे देखकर बहुत $खुशी हो रही है । सरकार की इस योजना से और लोगों को जोडऩे के लिए लगातार हम सब जागरूक कर रहे हैं ।
इस क्षेत्र की आंगनबाड़ी केंद्र सेविका रीता देवी ने बताया कि प्रियंका और उनके अभिभावकों से नियमित अनुश्रवण के क्रम में ये जानकर $खुशी हुई कि सरकार के इस प्रयास से वो बच्ची ही नहीं पूरा परिवार खुशहाली से जीवन जीने लगा है ।
केस स्टडी-2
रितेश कुमार-( 6 वर्ष) के पिता उमेश रविदास ने बताया कि क्या बताऊं साहब। जिस वक्त मेरे बच्चे का इलाज हुआ मैं कोलकाता में मजदूरी करने गया था । पिछले सप्ताह लौटा हूं। रितेश को स्वस्थ पाकर सभी डॉक्टर और सरकार के लिए दिल से दुआ निकल रही है । यहां तक मुझसे आपसी रंजिश रखने वाले पड़ोसियों ने भी बहुत सहारा दिया । पड़ोसी राज कुमार दास और ङ्क्षरकू देवी तो रितेश की खुशहाली से आह्लादित हैं और सरकार को धन्यवाद् करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका सुशीला दीदी और आशा कार्यकत्र्ता रेखा देवी रितेश का अक्सर हालचाल पूछती हैं व जरूरी सलाह देती हैं ।
दोनों के सफल इलाज के बाद आरबीएसके के विशेषज्ञ चिकित्सकों के दल, आंगनबाड़ी सेविकाओं और आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से जमुई में अभी अन्य 10 बच्चों की पहचान व स्क्रीङ्क्षनग हो चुकी है।
नोडल पदाधिकारी और सिविल सर्जन की अनुशंसा के उपरांत इलाज के लिए अहमदाबाद भेजा जाएगा ।
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ऐसे बच्चों के पहचान में करने को प्राथमिकता के तौर पर आगे बढ़ रहे हैं । जहां भी ह्रदय में ऐसी परेशानियों वाले बच्चों की जानकारी मिले तो तत्काल अपने निकटतम आंगनबाड़ी सेविका/आशा कार्यकत्र्ता या प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र से संपर्क करें । -डॉ. रमेश प्रसाद,जिला नोडल पदाधिकारी,राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ,जमुई