रोहित मुनि आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को फांसता था जाल में, जानिए काली करतूत
अक्सर महानगरों में नौकरी की तलाश में आने वाली लड़कियों को रोहित-प्रभा अपने एनजीओर और दिल्ली के शंकरपुर में प्लेसमेंट एजेंसी की आड़ नौकरी का सब्जबाग दिखा झांसे में ले लेते थे।
भागलपुर (बलराम मिश्र)। कुख्यात मानव तस्कर रोहित मुनि की भागलपुर के कहलगांव से गिरफ्तारी के बाद अब झारखंड पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू कर दी है। रोहित ने पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां पुलिस को दी है। रोहित की गिरफ्तारी होने के बाद बिहार की खुफिया विभाग और पुलिस की टीम भी सक्रिय हो गई है। वह भी रोहित मुनि के बिहार कनेक्शन की तलाश में जुट गई है। पुलिस संभावना जता रही है कि बिहार के कई जिलों से गायब हुई लड़कियों, जिनका अब तक पता नहीं चला है। उसे रोहित मुनि गिरोह ने ही कहीं बेच दिया है। खुफिया विभाग अपने स्तर से इस पड़ताल में जुट गई है कि बिहार में किन लोगों से रोहित के संबंध थे।
छोटे प्रदेशों में आर्थिक रूप से कमजोर तबके की लड़कियों को रोहित-प्रभा मुनि गिरोह बड़े ही आसानी से निशाना बना लेते थे। अक्सर महानगरों में नौकरी की तलाश में आने वाली लड़कियों को रोहित-प्रभा अपने एनजीओर और दिल्ली के शंकरपुर में प्लेसमेंट एजेंसी की आड़ नौकरी का सब्जबाग दिखा झांसे में ले लेते थे। इसके बाद बड़े पैमाने पर लड़कियों की तस्करी करते थे। उन दोनों ने मानव तस्करी के धंधे को विस्तार देने के लिए घरेलू सहायिका से जुड़े कार्य को भी शुरू कर दिया। वे दोनों छोटे प्रदेशों की लड़कियों को अपने दलालों के माध्यम से ढूंढकर दिल्ली मंगवाते थे। उन लोगों को नेताओं और अन्य कद्दावर और पहुंच वाले लोगों के साथ वाली फोटो दिखाकर वे लोग तरह तरह के प्रलोभन देते थे। जिससे वे लोग उनकी चंगुल में बुरी तरह फंस जाती थी।
बिहार में भी कई कार्यक्रम में शरीक होता था रोहित मुनि
रोहित मुनि का बिहार में भी कई नेताओं, अफसरों से अच्छा संबंध हैं। वह बिहार में कई जिलों में होने वाले कार्यक्रम में शरीक होता था। कोई थी उसकी बातचीत और राजनीतिक कनेक्शन से काफी प्रभावित हो जाता था। वह अक्सर अपनी पत्नी के साथ दिल्ली के नेताओं और अफसरों की फोटो लोगों को दिखाते हुए, उनको प्रभावित कर देता था। ऐसे पहचान की बदौलत वो अलग अलग इलाकों में अपने मानव तस्करी के लिए एजेंट को तैयार करता था।
पुलिस के दबिश के बाद लेता था बिहार में शरण
झारखंड की सिमडेगा पुलिस को रोहित और प्रभा की काफी दिनों से तलाश थी। पुलिस को जानकारी मिली है कि प्रभा के गिरफ्तारी के बाद वह बिहार में छिपा हुआ था। वह कहलगांव से ही छिपकर अपने गिरोह को ऑपरेट करने लगा था। पुलिस की मानें तो इसके लिए उसने अपना मोबाइल नंबर भी बदल लिया था। पुलिस बिहार में रह रहे रोहित मुनि के संपर्क वाले लोगों से भी पूछताछ करेगी। हालांकि अभी झारखंड में मानव तस्करी के कई मामलों को सुलझाने में रोहित की गिरफ्तारी से मदद मिलेगी।