मुख्यालय ने स्थानांतरण पर अगले आदेश तक लगाई रोक, फिलहाल नहीं होंगे विरमित
कोरोना काल में हुए स्थानांतरण पर पुलिस मुख्यालय ने रोक लगा दी। जिन पदाधिकारी व कर्मियों को स्थानांतरण हो गया है। उनके विरमित करने पर भी रोक लगा दिया गया है।
भागलपुर, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते प्रभाव को लेकर पुलिस मुख्यालय ने सूबे के जिलों में हो रहे किसी भी स्थानांतरण पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने इसके लिए पत्र जारी किया है। उन्होंने सूबे के सभी आइजी, डीआइजी व पुलिस कप्तान को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा है कि कुछ दिनों में चुनाव को लेकर पदाधिकारियों व कर्मियों का स्थानांतरण किया गया है। लेकिन कोविड और लॉकडाउन को देखते हुए इस स्थानांतरण को अगले आदेश आने के बाद ही लागू किया जाएगा।
फिलहाल नहीं होंगे विरमित
जिन पदाधिकारी व कर्मियों को स्थानांतरण हो गया है। उनके विरमित करने पर भी रोक लगा दिया गया है। उन्होंने कहा है कि यदि किन्हीं स्थानांतरित पदाधिकारी व कर्मी का विरमित आदेश निर्गत हो चुका है और उन्होंने भौतिक रूप से प्रस्थान नहीं किया है तो उनका फिर से मूल कार्यालय में ही सामंजन कर दिया जाए। बता दें कि आगमी चुनाव को लेकर डीआइजी ने बड़े पैमाने पर इंस्पेक्टर, दारोगा, सिपाही का स्थानांतरण एक जिले से दूसरे जिले व अनुमंडल में किया है। बुधवार को भी 10 इंस्पेक्टर व 59 दारोगा को इधर से उधर किया गया है। लेकिन इस आदेश के बाद उनके स्थानांतरण पर रोक लग गई है।
डीआइजी, आइजी बनाए गए नोडल पदाधिकारी
पुलिस मुख्यालय ने विभाग में बढ़ते कोरोना के संक्रमण को लेकर डीआइजी और आइजी को संक्रमण की रोकथाम और उपचार के लिए नोडल पदाधिकारी नामित किया है। उन्हें निर्देश दिया गया कि वे क्षेत्र के प्रत्येक जिले में एक वाहन की इंतजाम करेंगे। जिससे संक्रमित पुलिसकर्मियों को ले जाया या लाया जा सके। यदि कोई पुलिसकर्मी कोविड-19 के कारण गंभीर रूप से बीमार हो जाता है तो राज्य में चिन्हित पांच बड़े अस्पतालों में उनका इलाज नोडल पदाधिकारी सुनिश्चित कराएंगे। इसके लिए नोडल पदाधिकारी संबंधित अस्पताल से समन्वय करेंगे। यदि पुलिस लाइन में कोई पुलिसकर्मी संक्रमित हो जाता है तो उनके लिए अलग रहने, मेस व शौचालय की व्यवस्था पुलिस लाइन के समीप ही कराई जाए।