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पिता आंख और मां शरीर से लाचार, ग्रामीणों ने कराया बेटे का दाह संस्कार, मुंगेर में मार्मिक दृश्य देख पसीज उठा ह्रदय

खड़गपुर थाना क्षेत्र के शिवपुर लौगांय गांव के मृत छोटू के पोस्टमार्टम के बाद मुंगेर घाट पर अंतिम संस्कार कराया गया। छोटू के पिता को दिखाई नहीं देता है और मां शरीर से लाचार है। बेटे के दाह संस्कार के लिए पैसे भी नहीं थे फिर क्या...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 04:34 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 04:34 PM (IST)
ग्रामीणों ने मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए कराया बेटे का दाह संस्कार।

प्रणत भारती, हवेली खड़गपुर (मुंगेर)। 'मणि खोए भुजंग सी जननी, फन सा पटक रही थी शीश, अंधी आज बनाकर मुझको, किया न्याय तुमने जगदीश।' ये लाइनें आज मुंगेर में चरितार्थ होते दिखाई दीं। दरअसल यहां बेटा खोने के वियोग में आंख से पिता और शरीर से लाचार मां का दर्द गांव वालों ने देखा। आंख नहीं होने के कारण पिता ने अपने लाडले बेेटे का अंतिम दर्शन भी नहीं कर सके। मां भी बैठी-बैठी आंसू बहा रही थी। कुछ इसी तरह मार्मिक दृश्य शिवपुर लौगांय गांव में दिखा। हर कोई के चेहरे में मायूसी दिखी। दरअसल, खडगपुर थाना क्षेत्र के दामनकोल पहाड़ के पास से दो दिन पहले पुलिस ने शिवपुर लौगांय गांव के छोटू कुमार का शव बरामद किया था।

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शव का पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद ग्रामीणों की सहयोग राशि से छोटू कुमार का दाह संस्कार मुंगेर गंगा घाट किनारे किया गया। मृतक छोटू मेहनत मजदूरी करता था। उसके दो अन्य भाई दिल्ली में मजदूरी करते हैं। भाइयों में सबसे छोटा छोटू ही था जो मां पिता के साथ रहकर इनकी की सेवा करता था। गरीबी के कारण सोमवार को छोटू लकड़ी लाने के लिए जंगल गया था। जहां दामनकोल गांव के समीप स्थित पहाड़ के नीचे मृत पाया गया। इनके पिता आंख से काफी लाचार है और मां वृद्ध होने के कारण शरीर से लाचार है।

ऐसी स्थिति में घर चलाने की सारी जिम्मेदारी छोटू कुमार के ही सिर पर थी। सोमवार को जब मृतक छोटू के फोटो वायरल होने के बाद ग्रामीणों ने जब इनके पिता परमानंद केशरी और मां रामा देवी को जब इसकी सूचना दी। पहले तो दोनों को विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब ग्रामीणों ने मोबाइल पर फोटो दिखाया तो छोटू के शव को देखकर दोनों फूट-फूटकर रो पड़े।

दाह संस्कार के पैसे भी नहीं

गरीबी के कारण दाह संस्कार के लिए दंपत्ती के पास बेटे के दाह संस्कार के लिए घर में रुपये भी नहीं थे। ग्रामीणों ने ही उनके शव के साथ मुंगेर जाकर पोस्टमार्टम कराया और ग्रामीणों के सहयोग राशि से छोटू कुमार का दाह संस्कार किया गया। दामनकोल के समीप बरामद छोटू कुमार के शव को प्रथम दृष्टया में पुलिस पदाधिकारियों ने अन्यत्र जगह हत्या कर इसकी शव को पहाड़ के नीचे फेंक देने की आशंका जताई थी, हाथ पर चोट के निशान मिले थे।

फिलहाल, चौकीदार के बयान पर खड़गपुर थाना में यूडी केस दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का स्पष्ट खुलासा हो सकेगा। ग्रामीण व स्वजनों ने मृतक के पिता परमानंद केसरी को मुआवजा देने की मांग डीएम, एसडीओ, बीडीओ से की है।


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