कब्जियत से हार्निया का खतरा
कब्जियत से हार्निया और बवासीर होने की संभावना होती है। अगर खानपान में सावधानी बरतेंगे तो इन बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। शुक्रवार को हीलिंग टच हॉस्पिटल में स्वस्थ भागलपुर-एक प्रयास कार्यक्रम में मेडिका सुपर स्पेशियलिटी कोलकाता के सर्जन डॉ. बरुण नाथ एवं ब्रेन नस रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज सर्राफ से मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श देते हुए कहा।
भागलपुर। कब्जियत से हार्निया और बवासीर होने की संभावना होती है। अगर खानपान में सावधानी बरतेंगे तो इन बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। शुक्रवार को हीलिंग टच हॉस्पिटल में 'स्वस्थ भागलपुर-एक प्रयास' कार्यक्रम में मेडिका सुपर स्पेशियलिटी कोलकाता के सर्जन डॉ. बरुण नाथ एवं ब्रेन नस रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज सर्राफ से मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श देते हुए कहा।
शिविर में 147 मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की गई। किडनी में पथरी, पित्ताशय एवं फैटी लीवर, माइग्रेन, लकवा, मिर्गी के मरीजों का इलाज किया गया। डॉ. सर्राफ ने कहा कि बढ़ती उम्र के साथ ब्रेन की संरचनाएं धीरे-धीरे कम कार्य करती हैं। इससे हाथ-पैर में शिथिलता, शरीर में कंपन और याददास्त कमजोर होने लगती है। मधुमेह से ग्रसित मरीजों को झुनझुनी और बोदापन की समस्या भी देखी गई है। इस अवसर पर फिजियोथेरापिस्ट डॉ. प्रणव कुमार ने भी मरीजों को परामर्श दिया।