पाठशाला की जगह मधुशाला की निगरानी नहीं करेंगे गुरुजी, बिहार टेट शिक्षक एसोसिएशन की मुखबिरी पर NO
बिहार टेट शिक्षक एसोसिएशन ने कहा कि नशामुक्ति का पूर्ण समर्थन है लेकिन मुखबिरी स्वीकार नहीं। बिहार टेट शिक्षक एसोसिएशन ने आदेश वापस लेने की मांग की है। विभागीय आदेश से शिक्षकों में आक्रोश पनप रहा है। शिक्षकों का कहना है कि उनका काम बच्चों को पढ़ाना है ना कि...
संवाद सहयोगी, जमुई: बिहार टेट शिक्षक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कुमार वर्मा ने शिक्षकों द्वारा शराब माफिया एवं शराब पीने वालों पर निगरानी करने के विभागीय निर्देश का विरोध किया है। प्रदेश अध्यक्ष ने इसे अवैधानिक आदेश बताते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। कहा कि यह आदेश शिक्षकों की मर्यादा को तार- तार करने वाला है। समाज के बीच शिक्षक- शिक्षिकाओं की छवि को धूमिल करने वाला एवं वैमनस्यता बढ़ाने वाला है। सरकार के पास पुलिस प्रशासन है तब इस पर रोक नहीं लग रही। कई जगह पुलिस पर शराब माफिया हमला कर देते हैं। ऐसी हालत में यह अनैतिक कार्य एक निरीह शिक्षक बिना सुरक्षा, बिना हथियार के कैसे रोक सकता है।
कहा गया कि शिक्षकों से तरह-तरह काम लिया जा रहा है। इसके पूर्व भी विभाग द्वारा लोटा विथ सेल्फी का आदेश जारी किया गया था जिसका विरोध होने पर वापस लेना पड़ा था। उन्होंने बताया कि हम शिक्षक हैं बच्चों का पढ़ना हमारा काम है। आपदा कार्य के सिवाय सरकार हमें गैर शैक्षणिक कार्य में न लगाएं। नशामुक्ति का हम पूर्ण समर्थन करते हैं परंतु मुखबिरी हम नहीं करेंगे। पाठशाला की जगह मधुशाला की निगरानी नहीं कर सकते। कहा कि यदि सरकार इसे अविलंब वापस नहीं लेती है तो आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध किया जाएगा।
बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने अपने विभागीय पत्र में शिक्षकों, शिक्षा सेवकों को चोरी छुपे शराब पीने और उसकी आपूर्ति करने वालों की सूचना मद्य निषेध विभाग को देने का निर्देश दिया गया था। इसका अब शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं। गौरतलब हो कि शिक्षकों के बोरा बेचने का प्रभार हो या चुनाव में उनकी ड्यूटी लगाने जैसा अतिरिक्त काम, शिक्षक संगठन इन सभी बातों की चर्चा कर रहे हैं।