10 करोड़ की लागत से जमुई में आएगी हरियाली! कहां कितने रुपये होंगे खर्च, देखें पूरा विवरण
जमुई में दस करोड़ की लागत से दर्जन भर गांवों में हरियाली आएगी। जलाशयों के उन्नयन से जल संचयन की क्षमता में वृद्धि होगी। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत कई योजनाएं चलाई जा रहीं हैं। उसी के तहत काम होंगे।
संवाद सहयोगी, जमुई। दस करोड़ की लागत से जिले के दर्जन भर गांवों में हरियाली का दायरा बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। यह सब जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत किया जाएगा। एक दर्जन गांवों में उतनी ही संख्या में योजनाओं की निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके बाद उक्त जलाशयों की खुदाई व जीर्णोद्धार कार्य होना है। जलाशयों के उन्नयन से जल संचयन की क्षमता में वृद्धि होगी। इससे ङ्क्षसचाई की सुविधा का विस्तार होने के साथ साथ भूगर्भ जल स्तर को बनाए रखने में भी मददगार साबित होगा।
लक्ष्मीपुर में सर्वाधिक पांच आहर का होगा जीर्णोद्धार
लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत अलग-अलग गांवों में सर्वाधिक पांच आहर का जीर्णोद्धार किया जाएगा। जिन गांव में आहर का जीर्णोद्धार किया जाएगा उनमें खिरभोजना, पिडरौन, करणपुर, ओझाडीह तथा साकल का नाम शामिल है। इस फेज में सोनो, झाझा, बरहट तथा सिकंदरा प्रखंड की एक भी योजना शामिल नहीं है। खैरा और जमुई की दो-दो तथा चकाई, अलीगंज और गिद्धौर की एक-एक योजनाएं ली गई है।
प्रखंड योजना राशि
- चकाई- छाता आहर- 81.30 लाख
- जमुई- बिजुआही के जोगिया, बिचला, तेतरिया एवं गढ़वा आहर 135.27
- जमुई- इंदपें में मदबही पोखर - 66.91
- लक्ष्मीपुर- खिरभोजना में गोटासागर आहर का जीर्णोद्धार 92.93 लाख
- लक्ष्मीपुर- पिडरौन समदा आहर-133.58 लाख
- लक्ष्मीपुर- करणपुर में उद्धेश्वर आहर-70.91
- लक्ष्मीपुर- ओझाडीह में सिमरा आहर 40.18 लाख
- लक्ष्मीपुर- साकल में निमुंडा बड़की आहर- 40.59 लाख
- खैरा- मैनीजोर आहर-191.32
- खैरा- घनबेरिया में रानी पोखर- 44.06 लाख
- अलीगंज- सहोड़ा में बड़की पोखर- 47.28
- गिद्धौर- बड़की बनझुलिया आहर- 50.76
'जल जीवन हरियाली अभियान के तहत फिलहाल एक दर्जन योजनाओं की निविदा प्रक्रियाधीन है। जल्द ही हर खेत को पानी देने की योजना के तहत और भी योजनाओं की निविदा निकाली जाएगी। उन योजनाओं के डीपीआर तैयार कर लिए गए हैं।'- अनीश भारती, कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल, जमुई।
सरकारी राशि के अपव्यय का सवाल अब भी जस के तस
अभी हाल में ही लघु सिंचाई प्रमंडल जमुई के कार्यपालक अभियंता ने विभागीय निर्देशानुसार संवेदक और अभियंता सहित एक दर्जन से अधिक संवेदकों और अभियंताओं के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। मुकदमा दायर करने का मुख्य कारण प्राक्कलन घोटाला है। आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश सिंह तथा महेंद्र सिंह ने कहा कि प्राक्कलन घोटाला के रास्ते सरकारी राशि के अपव्यय का सवाल अब भी जस के तस पड़ा है। जिन योजनाओं की निविदा निकाली गई है उनमें भी गैर जरूरी कार्यों को प्राक्कलन में शामिल किया गया है। यह सिर्फ योजना में राशि के आकार को बढ़ाने के लिए किया जाता है ताकि सरकारी राशि की बंदरबांट हो सके।