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यहां बंद राइस मिल से हो रही सरकारी चावल की कालाबाजारी, हर रोज ट्रक से भेजे जा रहे नेपाल और बंगाल, जानिए

पूर्णिया में अब बंद पड़े सरकारी राइस मिल से चावल की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। यहां से हर रोज ट्रक से चावल को नेपाल और बंगाल भेजा जा रहा है। लेकिन अब तक इन पर प्रशासन की नजर नही है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 11:28 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 11:28 AM (IST)
यहां बंद राइस मिल से हो रही सरकारी चावल की कालाबाजारी, हर रोज ट्रक से भेजे जा रहे नेपाल और बंगाल, जानिए
पूर्णिया में अब बंद पड़े सरकारी राइस मिल से चावल की कालाबाजारी का मामला सामने आया है।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। सरकार एवं प्रशासन चाहे सरकारी अनाज जो गरीबों का निवाला है उसके सही तरीके से वितरण के चाहे जितने दावे कर ले मगर सच्चाई इसके उलट है। पूर्णिया में आज भी कई बंद राइस मिल एवं गोदाम से सरकारी अनाज की कालाबाजारी का खेल खुलेआम खेला जा रहा है। सबसे हैरत की बात तो यह है की इस कारोबार की जानकारी स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन को भी है लेकिन उसके बाद भी इन ठिकानों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

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कभी - कभार जब मामले समाच पत्रों में आते हैं तो दिखावे के लिए छापामारी की औपचारिकता पूरी की जाती है। पूर्णिया से शायद ही कोई दिन ऐसे होदा जिस दिन सरकारी अनजा लदे ट््र्क देश के कई राज्यों बंगाल त्रिपुरा, नागालैंड, हरियाणा के अलावा पड़ोसी देश नेपाल एनं बंगलादेश ना भेजा जाता हो। पूर्णिया में सरकारी अनाज का कोराबार बियाडा के कई बंद राइस मिलों के अलावा गुलाबबाग, बाइसपास रोड एवं हरदा, सहित कई ठिकानों पर धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है। मंरगा थाना क्षेत्र के बियाडा में एक ऐसा राइस मिल है जो कई वर्षों से बंद है लेकिन यहां हर दिन कई ट्रक चावल का उत्पादन होता है। इस बंद पड़े राइस मिल से हर दिन कई चावल लदे ट्रक खुलते हैं और देश के कई राज्यों में पहुंच जाते हैं।

इस बंद पड़े राइस मिल से सरकारी चावल की कालाबाजारी का खेल खुलेआम संचालित किया जा रहा है। सबसे हैरत की बात यह है की इस सरकारी चावल की कालाबाजारी के खेल की जानकारी स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को भी है लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती है। अगर किसी के द्वारा सरकारी अनाज के कालाबाजारी की सूचना दी भी जाती है तो प्रशासन एवं पुलिस द्वारा सरकारी अनाज की कालाबाजारी करने वाले बंद राइस मिल संचालक को इसकी सूचना देकर माल को वहां से हटवा दिया जाता है। बताया जाता है की इस राइस मिल से लंबे समय से सरकारी चावल की कालाबाजारी का खेल खुलेआम संचालित किया जा रहा है। मंरगा थाने से तीन सौ मीटर एवं जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस राइस मिल में हर दिन सरकारी चावल की कालबाजारी का खेल चलता है लेकिन इस ओर किसी को झांकने तक की फुर्सत नहीं है। इस बंद राइस मिल में चावल तैयार करने के लिए ना तो कभी धान की खरीददारी की जाती है और ना ही धान की कुटाई की जाती है लेकिन हर दिन सरकारी अनाज लदे ट्रक यहां से जरूर खुलते हैं।


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