भागलपुर एयरपोर्ट के लिए अच्छी खबर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया ध्यान
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक यूजर्स को रिप्लाई करते हुए कहा कि हम इसपर गौर करेंगे। भागलपुर एयरपोर्ट पर हवाई पट्टी बनी हुई है और यहां इसकी अपनी खुद की जमीन भी है। ऐसे में भागलपुरवासी लगातार एयरपोर्ट की मांग कर रहे हैं।
आनलाइन डेस्क, भागलपुर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) बिहार में हवाई अड्डों को लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को पत्र लिख चुके हैं। ऐसे में भागलपुर हवाई अड्डे (Bhagalpur Airport) से विमानों के परिचालन को लेकर उपराजधानी समेत आसपास के कई जिलों के लोग सोशल मीडिया के माध्यम से उनका ध्यान केंद्रित करा रहे हैं। ऐसे ही एक यूजर्स के ट्वीट पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि 'इसपर गौर करेंगे!'
अपने रिप्लाई के साथ ही उन्होंने विभाग को भी मेंशन किया। गौरतलब हो कि लंबे समय से भागलपुर में हवाई जहाज के परिचालन को लेकर मांग उठ रही है। सड़क से लेकर सदन तक और इंटरनेट मीडिया पर हवाई अड्डे के जीर्णोद्धार की बात की गई। विपक्षी पार्टियां भी इस मामले पर समय-समय पर प्रतिक्रिया देते आ रहीं हैं। हाल फिलहाल में कई बार हैश टैग के माध्यम से ट्विटर पर लोगों ने स्मार्ट सिटी भागलपुर से हवाई जहाज के परिचालन की मांग जोर-शोर से उठाई।
भागलपुर के विकास को लग जाएंगे पंख
सिल्क सिटी भागलपुर में उद्योग की आपार संभावनाएं हैं। औद्योगिक जमीन तो है लेकिन बड़ा उद्योगपति इस और इसलिए ही रुख नहीं करता क्योंकि यहां से हवाई परिचालन नहीं है। पर्यटन की नजर से देखें तो मां गंगा के पावन तट पर डाल्फिन अठखेलियां करते दिखाई देती हैं। मानें यहां डाल्फिन अभयारण्य भी है और विक्रमशिला महाविहार, अजगैबीनाथ, महर्षि मेंहीं आश्रम आदि प्रमुख स्थान। इसके साथ ही आसपास के जिलों को भागलपुर से सीधे लाभ पहुंचता है।
भागलपुर एयरपोर्ट के बारे में
सिल्क सिटी भागलपुर से एक समय ऐसा था, जब विमानों का परिचालन होता था। भागलपुर के झुनझुनवाला परिवार ने कलिंगा एयरवेज की फ्रेंचाइजी ले रखी थी और यहां से 1969-1971 तक 36 सीटों वाले एयरवेज की सेवा जारी रही। बता दें कि एयरपोर्ट की जमीन पर आज खेल का मैदान बन चुकी है। स्थानीय लोग यहां ड्राइविंग सीखते हैं। युवा हवाई पट्टी पर बाइक राइडिंग करते हैं। तो वहीं बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर भी इसी जमीन पर बनाया गया है। एयरपोर्ट की दिवारों की बात करें तो सड़क के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक कूड़े का भरमार है। स्मार्ट सिटी के दिन कब बदलेंगे ये तो आने वाला समय बताएगा।