तनाव की वजह से होता है गैस्टिक, जानें... डॉक्टरों की राय
जेएलएनएमसीएच आइसीयू के चिकित्सा पदाधिकारी एवं गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट डॉ. राजीव सिन्हा ने दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर में पाठकों के कई सवालों का जवाब दिया।
भागलपुर (जेएनएन)। गैस की बीमारी यानि गैस्टिक होना अब सामान्य हो गया है। यह तनाव की वजह से भी होता है। इसके अलावा सुबह विलंब से जगने, खाली पेट चाय पीने, फास्ट फूड खाने और तैलीय या मिर्च-मसालायुक्त भोजन करने से गैस्टिक होता है। ज्यादा देर भूखे रहने पर अम्ल का स्राव होता है। लगातार महीनों ऐसा होने पर गैस्टिक हो जाता है। लगातार गैस्टिक होने और परहेज नहीं करने की वजह से अल्सर फिर कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
गैस्टिक होने से भूख में कमी, पेट ठीक नहीं रहना, पतला शौच होना थोड़ा खाने से भी पेट भारी लगना आदि इसके लक्षण हैं। अगर मिर्च-मसाला, तैलीय पदार्थ खाने से परहेज करेंगे तो गैस्टिक होने की संभावना नहीं रहेगी। हमेशा हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए। फलों के सेवन के अलावा हरी साग-सब्जी खाने से लाभ होता है। गैस्टिक हो तो कुछ दिनों के लिए दूध नहीं पीएं। दिन भर में थोड़ा-थोड़ा खाएं। समय पर सोएं और सुबह उठकर व्यायाम आदि करें। सुबह कुछ खाने के बाद ही चाय पीनी चाहिए। संभव हो तो चाय पीना ही छोड़ दें। यह सलाह जेएलएनएमसीएच आइसीयू के चिकित्सा पदाधिकारी एवं गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट डॉ. राजीव सिन्हा ने दी। वे रविवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर में पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। पाठकों के सवाल और उनके जवाब कुछ इस तरह हैं।
प्रश्न : पेट साफ नहीं होता। प्रतिदिन शौच नहीं होता है। सिर में दर्द भी होता है।
बबिता देवी, सुल्तानगंज
उत्तर : गैस्टिक की वजह से भी परेशानी हो सकती है। सुबह टहलें, सुपाच्य हल्का भोजन करें। चक्कर और सिर दर्द होता है तो बीपी की जांच करवा लें।
प्रश्न : भोजन करने के बाद पांच से 10 मिनट तक पेट में दर्द होता है। ऐसा करीब दो सप्ताह से है।
सुभाष कुमार, नारायणपुर
उत्तर : पेट में कीड़ा रहने पर भी पेट दर्द करता है। कीड़ानाशक दवा छह माह में एक बार खानी चाहिए। गैस्टिक की दवा खाली पेट खाएं। दवा खाने के आधा घंटा बाद ही कुछ खाएं। खानपान ठीक रखें।
प्रश्न : पुत्र की उम्र 20 वर्ष है। उसे टाइप वन डायबिटीज है।
पंकज कुमार सिंह, ततारपुर
उत्तर : पुत्र को हमेशा चिकित्सक की सलाह पर ही दवा खिलाएं। खानपान में परहेज अतिआवश्यक है। शरीर के किसी भी अंग में जख्म हो तो सावधानी बरतें। पैर में जूता अवश्य पहनाएं रखें।
प्रश्न : मेरी उम्र 30 वर्ष है। पेट में गैस ज्यादा बनता है। एक वर्ष पूर्व पीलिया भी हुआ था।
एसएस राजहंस, भीखनपुर
उत्तर : कुछ दिनों के लिए दूध पीना छोड़ दें। तैलीय और मिर्च-मसालायुक्त भोजन करने से परहेज करें। खाली पेट चाय नहीं पीएं। सुपाच्य और सादा भोजन करें। तनाव में नहीं रहें।
प्रश्न : पेट में सूजन है और लीवर फैटी हो गया है।
मो. मुज्जबिल, ततारपुर
उत्तर : लीवर से ज्यादा चर्बी होने से पेट में सूजन होता है। तीन माह में चार से पांच किलोग्राम वजन घटाएं। मटन कम खाएं, लीवर फंक्शन की जांच करवा लें।
प्रश्न : गत डेढ़ माह से भूख नहीं लगती है। मुंह का स्वाद भी बदला हुआ है। मैं बीपी का मरीज भी हूं।
पंकज कुमार जैन, ततारपुर
उत्तर : लीवर या किडनी में संक्रमण की वजह से ऐसा हो सकता है, जांच करवा लें। तनाव में नहीं रहें इससे गैस्टिक होने की संभावना रहती है।
प्रश्न : एक माह से पेट खराब है। प्रतिदिन पांच से छह बार शौच होता है।
कहकशां, भीखनपुर
उत्तर : अस्पताल में चिकित्सक से इलाज करवा लें। कीड़ानाशक दवा एक बार खाएं। दूध, अंडा नहीं खाएं।
प्रश्न : थोड़ा सा खाने पर भी पेट भारी लगने लगता है।
मनोहर कुमार, भागलपुर
उत्तर : सुबह नाश्ता करने के बाद एक बार फिर शौच जाएं। गरिष्ठ भोजन नहीं करें। भोजन में सलाद अवश्य खाएं।
प्रश्न : भोजन करने की इच्छा नहीं करता है। हमेशा गैस बनता है। शौच भी साफ नहीं होता।
इंसाफ, नवगछिया
उत्तर : रात भोजन सोने के तीन घंटा पहले करें। हरी सब्जी, सलाद भोजन के साथ खाएं। सुबह उठें और टहलें।