पूजा समिति ने जताया आक्रोश, बोले- प्रतिमा विसर्जन से नहीं शहर के नालों से गंगा हो रही प्रदूषित Bhagalpur News
काली प्रतिमाओं का गंगा में विसर्जन नहीं होने देने और विसर्जन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की समुचित व्यवस्था नहीं करने का विरोध पूजा समिति के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से किया।
भागलपुर [जेएनएन]। प्रतिमा विसर्जन करने आए लोगों का कहना था कि चंद प्रतिमाओं से नहीं शहर के 80 नालों के पानी से गंगा प्रदूषित हो रही है। गंगा में मल-मूत्र और कचरा प्रवाहित किया जा रहा है। बुनकर क्षेत्र का केमिकल युक्त पानी प्रवाहित किया जा रहा है, जो चंपा नदी से होकर गंगा की धारा में जाकर मिलती है। इतना ही मायांगज अस्पताल के नाले का पानी मुसहरी घाट पर गिरता है। इन सबके लिए पूजा समिति नहीं बल्कि शासन और प्रशासन जिम्मेदार हैं। लोगों की आस्था पर अंकुश लगाने से पहले प्रशासन अपनी व्यवस्था को दुरुस्त करे। कानून सभी के लिए बराबर है और सभी पर एक समान लागू होना चाहिए। प्रशासन को नोटिस और जो भी कार्रवाई करना है करे। हम अपनी आस्था पर दखल नहीं देने देंगे। इनके सवालों के आगे प्रशासन के पास कोई जबाव नहीं था।
तालाब की सारी तैयारी रखी रह गई
मुसहरी घाट पर नगर निगम ने तालाब खोदकर विसर्जन के लिए तैयार किया। रोशनी के साथ सफाई के लिए मजदूरों को तैनात किया गया। तालाब में गंगा जल भी भरा गया। सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग और एसडीआरएफ भी तैनात किए गए। दुधिया रोशनी से सराबोर तालाब लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बना था। तालाब के चारों ओर एनजीटी के आदेश वाले बैनर भी लगाए गए। गंगा में प्रतिमा विसर्जन करने वाले पूजा समितियों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना का बैनर लोगों को जागरूक नहीं कर पाया। बहरहाल सारी तैयारी रखी रह गई।