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Ganesh Chaturthi 2021: कल श्रद्धालु करेंगे भगवान गणेश की पूजा-आराधना, शुभ और शुक्ल योग के साथ जानिए क्या होगा खास...

Ganesh Chaturthi 2021 गणेश चतुर्थी के मौके पर कल भक्‍त भगवान गणेश की पूजा करेंगे। इस बार लॉकडाउन के कारण शहर की सभी मंदिरें बंद हैं इसलिए लोग घर पर ही पूजा अर्चना करेंगे। पूजा-पाठ को लेकर भक्‍तों ने तैैयारी शुरू कर दी है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 07:40 AM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 07:40 AM (IST)
Ganesh Chaturthi 2021: कल श्रद्धालु करेंगे भगवान गणेश की पूजा-आराधना, शुभ और शुक्ल योग के साथ जानिए क्या होगा खास...
Ganesh Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी के मौके पर कल भक्‍त भगवान गणेश की पूजा करेंगे।

संवाद सहयोगी ,भागलपुर। इस बार गणेश चतुर्थी का दिन खास है। शुभ और शुक्ल योग और उस पर शनिवार का दिन संकष्टी चतुर्थी को शुभ फल देने वाला बना रहा है। इस दिन भगवान गणेश का व्रत और पूजन करने वाले श्रद्धालुओं के सभी बिगड़े काम बन जाएंगे। भगवान एकदंत की उनपर विशेष कृपा होगी।

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हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान श्रीगणेश को समर्पित होती है। ऐसे में इस दिन भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस साल एकदंत संकष्टी चतुर्थी 29 मई को है।

मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा करने से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। संकटों से विघ्नहर्ता मुक्ति दिलाते हैं।

एकदन्त संकष्टी चतुर्थी के दिन शुभ और शुक्ल दो शुभ योग बन रहे हैं। शुभ योगों के बनने के कारण संकष्टी चतुर्थी का महत्व बढ़ रहा है। एकदंत संकष्टी चतुर्थी तिथि के दिन शुभ योग सुबह 11 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शुक्ल योग लग जाएगा।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुभ और शुक्ल योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है। शनिवार के दिन चतुर्थी पडऩे पर यह मुहूर्त बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

चतुर्थी तिथि कब से कब तक

29 मई की सुबह 06 बजकर 33 मिनट तक तृतीया तिथि रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि लगेगी, जो 30 मई की सुबह 04 बजकर 03 मिनट तक रहेगी। इस दिन चंद्रमा धनु राशि में रात 11 बजकर 40 मिनट तक उसके बाद मकर राशि पर संचार करेगा। इस दिन सूर्य वृषभ राशि पर संचार करेगा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर भगवान गणेश का स्मरण करें और व्रत का सकंल्प लें। इसके बाद भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-पाठ करें और लड्डुओं का भोग लगाकर आरती करें। जरूरतमंदों को दान करें।  


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