Bihar: नेत्रहीन छात्र कर रहे अपना भविष्य उजियारा, यूट्यूब से पढ़ाई कर इंटर में पाई सफलता; IAS बनने का लक्ष्य
Bihar Board Inter Result भागलपुर के चार नेत्रहीन छात्रों ने साबित कर दिखाया कि लगन और मेहनत से कोई भी मुकाम पाया जा सकता है। इंटरमीडिएट की परीक्षा में चार नेत्रहीन छात्र-छात्राएं शामिल हुए जिनमें से तीन प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास की।
भागलपुर, जागरण संवाददाता। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था- खूब सपने देखो। बड़ा सपना देखो। आगे बढ़ने के लिए सपना देखना जरूरी है। भागलपुर के नेत्रहीन छात्र-छात्राओं के अंधेरी आंखों में सुनहरे भविष्य के सपने पल रहे हैं।
सबसे खास बात यह है कि नेत्रहीन छात्र-छात्राएं अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम के बल पर सधे कदम से लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षा में चार नेत्रहीन छात्र-:छात्राएं शामिल हुए। जिसमें तीन ने प्रथम श्रेणी से परीक्षा उत्तीर्ण की।
तीनों स्टूडेंट के सपने बड़े हैं। सभी छात्रों को साइट सेवर्स संस्था के जिला समन्वयक राजन कुमार सिंह और शिक्षा विभाग के प्रयास से राइटर उपलब्ध कराए गए थे। राइटर के सहयोग से छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी।
राजन सिंह ने कहा कि इन छात्र-छात्राओं का लगन और पढ़ाई के प्रति जुनून प्रेरणादायक है। कहलगांव के अंतीचक पंचायत के छोटी लालापुर गांव निवासी फूलेश्वर झा और डेजी देवी के पुत्र सोनू झा को इंटर की परीक्षा में 69.6 प्रतिशत अंक मिले। मैट्रिक में भी सोनू को 75.4 प्रतिशत अंक मिले थे।
यूट्यूब के जरिये की पढ़ाई, आईएएस बनने का सपना
सोनू ने बताते हैं कि मोबाइल पर यूट्यूब के जरिये हमने पढ़ाई की। चचेरा भाई सचिन कुमार ने भी खूब मदद की। वह पढ़ कर मुझे सुनाता था और मैं उसे याद करता था। सोनू ने कहा कि मैं यूपीएससी की तैयारी करना चाहता हूं। मेरा सपना आइएएस अधिकारी बन कर देश की सेवा करना है।
भागलपुर के अलीगंज कटघर निवासी अभय सिंह की पुत्री करीना कुमारी को भी इंटर में 62.6 प्रतिशत अंक मिले। अभय सिंह प्राइवेट नौकरी करते हैं। करीना ने कहा कि साइट सेवर्स संस्था की ओर से स्टडी मैटेरियल उपलब्ध कराई गई थी। मोबाइल पर यूट्यूब के माध्यम से परीक्षा की तैयारी की।
करीना आगे कहती हैं कि बहन करिश्मा कुमारी ने भी खूब मदद की। मैट्रिक की परीक्षा में 66 प्रतिशत अंक मिले। मैं पढ़-लिख कर आइएएस बनना चाहती हूं।
मानवी कुमारी अपनी नानी बिंदा देवी के घर पर रह कर पढ़ाई कर रही है। मानवी ने कहा कि नानी ने हमेशा मुझे बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। वह हर कदम पर मेरी मदद करती हैं। फोन के माध्यम से मैंने पढ़ाई की। बीएन कालेज में सभी शिक्षक भी मेरी मदद के लिए तत्पर रहते थे।
उन्होंने आगे कहा कि मेरा सपना बीपीएससी की परीक्षा में सफल होकर अधिकारी बनना है। बीपीएससी नहीं कर सकी, तो मैं पीएचडी कर प्रोफेसर बनूंगी, जिससे अपनी जैसी छात्राओं की मदद कर सकूं।