टूटने लगी 240 करोड़ रुपये से बनी स्थाई बाइपास की सड़क Bhagalpur News
वाशिंग सेंटर द्वारा पानी बहाने और ओवरलोडेड वाहनों के कारण सड़क को नुकसान पहुंचा है। जुलाई 2018 से ही वाहनों को परिचालन हो रहा है।
भागलपुर [जेएनएन]। हाल ही में चालू हुई स्थायी बाइपास की सड़क टूटने लगी है। नाथनगर दोगच्छी से विक्रमशिला सेतु पहुंच पथ तक 16.763 किलोमीटर लंबी स्थायी बाइपास के निर्माण में 240 करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन यह एक महीना भी वाहनों का दवाब नहीं झेल सकी। टोल प्लाजा और खुटाहा आरओबी के बीच सड़क दो जगहों पर टूट गई है।
वहीं पर्यावरण की दृष्टिकोण से स्थायी बाइपास के किनारे दोनों ओर बरगद, नीम, आम और अर्जुन समेत कई तरह के चार हजार पेड़ लगाए गए थे। पेड़ लगाने में पांच लाख रुपये खर्च हुए थे। रखरखाव के अभाव में कई पेड़ सूख गए हैं। वहीं स्थानीय लोग पेड़ काटकर घर ले जा रहे हैं। टोल प्लाजा और खुटाहा आरओबी के बीच लगाए गए बरगद के दो पेड़ों को लोगों ने नुकसान पहुंचाया है।
सड़क बनाने वाली कंपनी जीआर इंफ्रा के प्रोजेक्ट मैनेजर राघवेंद्र का कहना है कि वाशिंग सेंटर द्वारा पानी बहाने और ओवरलोडेड वाहनों के कारण सड़क को नुकसान पहुंचा है। जुलाई 2018 से ही वाहनों को परिचालन हो रहा है। जाम के कारण घंटों एक ही जगह पर भारी वाहनों के खड़े रहने के कारण भी सड़क को नुकसान पहुंच रहा है। हर 20-25 मीटर बाद वाहनों के ब्रेक लगने से इससे ज्यादा सड़क को नुकसान पहुंचता है। जल्द ही सड़क की मरम्मत कराई जाएगी। पर्यावरण की दृष्टिकोण से सड़क के दोनों ओर चार हजार से अधिक पेड़ लगाए गए थे। भीषण गर्मी में छोटे पौधों को बचाने के लिए टैंकर मंगवाकर पानी डाला गया। पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने और रखरखाव की जिम्मेदारी वन विभाग की है।
इधर, एनएच विभाग के भागलपुर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता राजकुमार का कहना है कि गोराडीह जाने वाले रास्ते में बंशीटीकर के निर्देशन बोर्ड पास सड़क टूटने की जानकारी उन्हें भी है। जहां पर सड़कें टूटी हैं दो साल पहले बनाई गई थी और वहां पर सतह कुछ खराब है। निर्माण एजेंसी जीआर इंफ्रा के प्रोजेक्ट मैनेजर को सड़क दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है।