पैतृक गांव पहुंचे फिल्म निर्माता इकबाल दुर्रानी, गीता का फारसी और उर्दू में अनुवाद करेंगे Banka News
जाने-माने फिल्म निर्देशक इकबाल दुर्रानी इन दिनों बांका के बौंसी क्षेत्र में हैं। उन्होंने मंदार और संस्कृत के प्रति अपना कर्तव्य है।
बांका [जेएनएन]। जिला मतदाता जागरुकता के आइकॉन सह बालीवुड के मशहूर फिल्म लेखक निर्माता इकबाल दुर्रानी ने अपने गांव बौंसी के बलुआतरी में एक समारोह के तहत गरीब महिलाओं के बीच वस्त्र वितरण किया। उन्होंने कहा समाज के कई गरीब निर्धन महिलाएं आज भी उपेक्षित हैं।
सरकार प्रायोजित कार्यक्रमों का समुचित लाभ ठीक ढंग से नहीं मिल पाता है। ऐसे निर्धन महिलाओं की सेवा के लिए उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को सरकार प्रायोजित कार्यक्रम का लाभ लेने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने बांका जिला मतदाता जागरूकता के आइकॉन के रूप में लोगों को अपने मताधिकार का उपयोग के लिए जागरूक किया है। वहीं गांव के गरीब और लाचार महिलाओं की सेवा में कार्य करने का संकल्प लिया है। जिसकी शुरुआत महिलाओं को वस्त्र वितरण कर आरंभ किया है।
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द की भावना को लेकर एक दूसरे संप्रदाय के धर्म शास्त्र को समझ कर ज्ञानार्जन करें। इसके लिए गीता का अनुवाद उर्दू एवं फारसी भाषा में करने की बात कही है। न्होंने बताया कि साठ के दशक में उनके दादा शेख महमूद मोकामा के सीसीएमई हाई स्कूल में संस्कृत पढ़ा करते थे। उस वक्त वहां जाने पर हर कोई उन्हें पंडित का पोता समझता था। उन्होंने कहा कि मेरे दादा और मुझे लोग पंडित कहा करते थे। आज उन्हीं की प्रेरणा से सामवेद का उर्दू और अंग्रेजी में अनुवाद कर पा रहा हूं।
कार्यक्रम में पूर्व जिला पार्षद नजराना परवीन, नेहरू युवा मेंटर यूथ क्लब के अध्यक्ष मदन मेहरा, चंदन कुमार, सरपंच मौजूद थे।