कपड़े में बच्ची का शव लपेटकर पोस्टमार्टम के लिए भटकते रहे पिता
जगतपुर के पास गंगा नदी से बरामद हुआ था शव। जपतैली निवासी बीरबल राम की पुत्री थी श्रृष्टि कुमारी। 18 दिसंबर को गांव से ही लापता हो गई थी बच्ची। वह मां के साथ गांव के ही आंगनबाड़ी केंद्र में गई थी। उसके बाद से लापता हो गई।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। नवगछिया में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। एक पिता अपनी तीन वर्षीय बच्ची का शव कपड़े में लपेटकर पोस्टमार्टम के लिए खुद नवगछिया से भागलपुर तक का चक्कर लगाते रहे। 24 घंटे बाद पोस्टमार्टम हो पाया।
परबत्ता थाना क्षेत्र के जपतैली निवासी बीरबल राम की तीन वर्षीय पुत्री श्रृष्टि कुमारी का शव पुलिस ने रविवार को जगतपुर के पास गंगा नदी से बरामद किया था। 18 दिसंबर को बच्ची लापता हो गई थी। वह मां के साथ गांव के ही आंगनबाड़ी केंद्र में गई थी। उसके बाद से लापता हो गई। थाने में पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस इस जांच में जुटी थी कि गांव से अचानक बच्ची कहां गायब हो गई। इस बीच रविवार को गांव से दो किलोमीटर दूर गंगा नदी की धार से एक अज्ञात बच्ची का शव बरामद हुआ। उसकी शिनाख्त पिता ने अपनी बच्ची के रूप में की। उसके बाद शव को कपड़े में बांधकर पोस्टमार्टम के लिए नवगछिया अनुमंडल अस्पताल पहुंचे। उनके साथ परबत्ता थाना का चौकीदार भी था। शव काफी पुराना होने के कारण चिकित्सक ने पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर अस्पताल भेज दिया। किराए पर ऑटो लेकर पिता शव के साथ भागलपुर के लिए रवाना हो गए। भागलपुर में दूसरे दिन काफी इंतजार के बाद रविवार की शाम पोस्टमार्टम हुआ। जबकि शव को पोस्टमार्टम के बाद स्वजन को सौंपना पुलिस का काम है। इस संबंध में परबत्ता थानाध्यक्ष रामचंद्र यादव ने बताया कि बरामद शव की पहचान के लिए डीएनए जांच कराई गई। जांच के लिए नमूना लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला पटना भेजा गया था। इस कारण विलंब हुआ। सोमवार की शाम पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिया गया। बच्ची नदी किनारे कैसे पहुंची, इसका पता लगाया जा रहा है।