कोसी में होगी मलाया द्वीप के बांस की खेती
बिहार के कोसी इलाके में अफ्रीका, मलेशिया, इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा, समेत एशिया के विभिन्न देशों में पाए जाने वाले बांस की 20 से अधिक प्रजातियों के क्रॉप तैयार किए जा रहे हैं।
किशनगंज। कोसी के इलाके में अब मलाया द्वीप पर पाया जाने वाला विभिन्न प्रजातियों के बांस की खेती होगी। वन प्रमंडल अररिया के द्वारा बकायदा रोड मैप तैयार किया गया है। अररिया के कुसियार गांव स्थित उद्यान में अफ्रीका, मलेशिया, इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा, थाइलैंड, चाइना, समेत एशिया के विभिन्न देशों व पूर्वाेलार के राज्यों में पाए जाने वाले बांस की 20 से अधिक प्रजातियों के क्रॉप तैयार किए जा रहे हैं। केद्र द्वारा बजट में बांस की खेती को बढ़ावा देने के प्रावधान से उत्साहित वन विभाग इस योजना को धरातल पर उतारने में जुट गई है।
दुनिया भर में दक्षिण-पूर्व एशिया को बांस का हब कहा जाता है। दक्षिण-पूर्व एशिया का मलाया द्वीप पर उष्ण कटिबंधीय जलवायु में घास के बेहतर पैदावार होने से यहां बांस के सौ से अधिक प्रजाति पाए जाते हैं। जिसमें से लगभग 20 प्रजातियों का चयन कर कुसियार उद्यान में प्रयोग के तौर पर लगाया गया।
प्रयोग सफल होने पर इसका क्रॉप तैयार किया जाएगा। ताकि आगे किसानों को क्रॉप उपलब्ध कराया जा सके। इससे बांस की खेती को बढ़ावा मिलेगी। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि मलाया द्वीप के रेगिस्तान में बांस की इतनी वेरायटी और पैदावार हो सकती है तो कोसी का इलाका भी इसके लिए मुफीद हो सकता है। कोसी, महानंदा, कनकई, रेतुआ, परमान, बकरा, मेंची, कारी कोसी, बागमती व अन्य नदियों के कछार में इसके पैदावार की भरपूर संभावनाएं हैं। इसके इतर मैदानी इलाके की मिट्टी भी बांस के लिए उपयुक्त है।
लगाए गए बांस की प्रजातियो की खासियत
मलाया द्वीप में भी खासकर मलेशिया में पाए जाने वाले बांस की प्रजाति की कोसी इलाके में अच्छे परिणाम आएंगे। वहां के बांस की प्रजाति बौना व खूबसूरत होता है। जबकि चाइना व अफ्रीका का बांस कोसी इलाके और पूर्वोलार भारत में पाए जाने वाले बांस की तरह ही लंबा होता है। यह बांस थोड़ा सफेद दिखता है जबकि अफ्रीका का बांस काला दिखता है। जाइंगेटिया नामक अफ्रीकन बांस की एक प्रजाति जो कुसियार उद्यान में लगाई गई है वो इस इलाके के बांस की अपेक्षा उसकी मोटाई व लंबाई अधिक है।
कोसी इलाके में बांस के पैदावार की अपार संभावनाएं हैं। कुसियार उद्यान में मलाया द्वीप,अफ्रीका,चाइना समेत अन्य देशों के विभिन्न प्रजातियों का बांस लगाया गया है। इसका बेहतर परिणाम मिलने पर बांस की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
डीके दास, डीएफओ, अररिया