प्राकृतिक आपदा के थपेड़ों ने रोकी किसानों की आर्थिक उन्नति
प्राकृतिक आपदा एवं जलवायु में हो रहे परिवर्तन ने किसानों की होश उड़ा दी है। ऐसे में किसानी की क्या हालत होते जा रही है इसका सहज ही अंदाजा लगा जा सकता है। इससे किसान परेशान हैं।
भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]। वर्ष 2018 जिले के किसानों के लिए मुसीबतों भरा रहा। खरीफ में सुखाड़ की मार झेल किसानों के होश उड़ गए। हालांकि इस क्षति को देखते हुए राज्य सरकार ने इनपुट अनुदान देने की घोषणा की है। संभावना थी कि रबी के पूर्व पीडि़त किसानों को क्षतिपूर्ति की राशि उपलब्ध करा दी जाएगी। पर आज भी किसान इनपुट अनुदान का बाट जोह रहा है।
पीरपैंती के किसानों ने बताया कि जिला कृषि विभाग द्वारा अभी भी आश्वासनों की घूंट पिलाई जा रही है। कई किसानों ने तो कहा कि खरीफ में सुखाड़ के कारण रबी फसल की खेती करने में किसानों का पसीना छूट रहा है। बता दे कि सिंचित एवं असिंचित को मिला जिले के करीब 80 हजार हेक्टेयर में रबी फसल की खेती होती है। रबी फसल के लिए भी खेतों में पर्याप्त नमी नहीं मिल रही है। जिसकी वजह से फसल सिंचाई को लेकर किसान बेहाल है। रबी फसल की सिंचाई के लिए भी सरकार ने डीजल अनुदान देने की घोषणा की है पर अब तक भुगतान की प्रक्रिया शुरु नहीं हो पाई है।
गौरतलब है कि प्राकृतिक आपदा एवं जलवायु में हो रहे परिवर्तन ने किसानों की होश उड़ा दी है। ऐसे में किसानी की क्या हालत होते जा रही है इसका सहज ही अंदाजा लगा जा सकता है। बता दें कि खरीफ में सुखाड़ की मार जिले के नौ प्रखंडों के 46,820 किसानों को मार झेलनी पड़ी थी। 54, 876 हेक्टेयर में लगी धान सहित अन्य फसलें बर्बाद हुई थी। जिला कृषि विज्ञान ने उक्त फसल क्षति का इनपुट अनुदान देने के लिए सरकार से 68 करोड़ 35 लाख 40 हजार 192 रुपये का डिमांड किया है। आवेदनों की जांच प्रक्रिया चल रही है पर अब तक भुगतान का कोई संभावना नहीं है।