एक्सरे का रिएक्शन गर्भस्थ शिशु को बना सकता है बीमार
गर्भवती मां का एक्सरे करवाना गर्भस्थ शिशु को बीमार बना सकता है। एक्सरे से निकलने वाले रेडिएशन के प्रभाव से शिशु जन्म से ही ट्यूमर से ग्रसित हो सकता है। ये बातें रविवार को आइएमए में आयोजित कार्यशाला में कोलकाता अपोलो अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. विनोद कुमार सिंघानियां ने कहीं।
भागलपुर। गर्भवती मां का एक्सरे करवाना गर्भस्थ शिशु को बीमार बना सकता है। एक्सरे से निकलने वाले रेडिएशन के प्रभाव से शिशु जन्म से ही ट्यूमर से ग्रसित हो सकता है। ये बातें रविवार को आइएमए में आयोजित कार्यशाला में कोलकाता अपोलो अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. विनोद कुमार सिंघानियां ने कहीं। साथ ही उपचार की भी जानकारी दी।
डॉ. सिंधानियां ने कहा कि गर्भवती महिलाओं का अगर एक्सरे किया जाय अथवा बीमारी होने पर दवा दी जाय तो गर्भस्थ शिशु प्रभावित हो सकता है। जन्म से ही उसके सिर में पानी भरा रहेगा, उसका सिर सामान्य शिशु के सिर से बड़ा होगा। पीठ में या गर्दन में सूजन भी हो सकता है। ऐसे शिशुओं के इलाज के लिए ऑपरेशन ही एक साधन है। पहले यह ऑपरेशन कठिन होता था लेकिन अब इंडोस्कोपिक द्वारा ऑपरेशन करना आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि एक्सरे कराने के पहले मरीज के लिए सुरक्षा की व्यवस्था करनी आवश्यक है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को अगर दवा खाने की सलाह दी जा रही है तो यह भी देखना आवश्यक है कि दवा का कुप्रभाव गर्भस्थ शिशु पर तो नहीं होगा। साथ ही बिना चिकित्सक के सलाह पर गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं लेनी चाहिए। देश में करीब तीन फीसद महिलाओं के गर्भस्थ शिशु एक्सरे के रेडिएशन या दवा के कुप्रभाव से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडोस्कोपिक द्वारा स्पाइनल की सर्जरी भी आसान हो गई है। डॉ. देवाशीष मित्रा ने भी बीमारी के बारे में जानकारी दी। मौके पर आइएमए अध्यक्ष डॉ. एसपी सिंह, सचिव डॉ. महेश राय, डॉ. संजय निराला के अलावा कई चिकित्सक उपस्थित थे।