भागलपुर की बिजली व्यवस्था पर फिर लगा ग्रहण, टाटा कंपनी भी हुआ फेल, आपूर्ति भी हुआ कम
भागलपुर शहर की बिजली व्यवस्था सुधार नहीं सकी टाटा कंपनी। ठेका एजेंसी पर विभाग मेहरबान फिर मोहलत देने की तैयारी। आठ माह अतिरिक्त समय मिलने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है काम। 225 करोड़ की इस परियोजना को अप्रैल 2021 में ही करना था पूरा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। निर्धारित समय-सीमा से आठ माह बढ़ाए जाने के बाद भी टाटा कंपनी शहर की बिजली व्यवस्था सुधार का काम पूरा नहीं कर सकी। 32 महीने में 60 प्रतिशत भी काम नहीं हो सका है। विभाग कंपनी पर मेहरबान है। लिहाजा वह एक बार फिर समय-सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसपर अंतिम निर्णय मंगलवार लिए जाने की उम्मीद है।
शहर की बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए तार बदलने, अंडरग्राउंड तार बिछाने व छह उपकेंद्रों के निमार्ण आदि विकास काम होना था। एकरारनामा के अनुसार 225 करोड़ की इस परियोजना को अप्रैल 2021 में ठीकेदार को पूरा करना था, लेकिन दो सालों में यानी 2018 से अबतक 60 प्रतिशत भी काम नहीं हो सका है। काम के मुताबिक एजेंसी को 140 करोड़ भुगतान भी किया गया है। जबकि ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 11 माह पूर्व ठीकेदार को निर्धारित समय पर बिजली सुधार संबंधित विकास कार्यों को पूरा करने का निर्देश देते हुए कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी। इसके बाद भी 40 प्रतिशत कार्य अब भी अधूरा ही रह गया। 32 महीने पहले काम शुरू करने के लिए ठीकेदार को सात करोड़ रुपये विभाग द्वारा अग्रिम राशि भुगतान भी किया गया था।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार कोरोना महामारी आदि समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अप्रैल में आठ माह एक्सटेंशन देते हुए एजेंसी को दिसंबर 2021 तक काम हरहाल में काम पूरा करने का निर्देश दिया गया। ठीकेदार को छह बिजली उपकेंद्र का निर्माण के अलावा अंडर ग्राउंड तार बिछाने, खुले तारों को कवर्ड वायर से बदलने, एक सौ एमवीए की जगह दो सौ एमवीए का ट्रांसफार्मर लगाने सहित आपूर्ति संबंधी विकास कार्यों को पूरे करने थे, लेकिन दो साल आठ महीने में टाटा प्रोजेक्ट द्वारा भीखनपुर सहित दो पावर सब स्टेशन का ही निर्माण पूरा किया जा सका है। ऐसी स्थिति में अप्रैल-मई से पहले कार्य पूरा होने की उम्मीद कम है। वर्ष 2022 में भी लोगों को गर्मी में बिजली संकट झेलना पड़ सकता है।
दरअसल, 35-40 साल पुराने तारों में अब लोड सहने की क्षमता नहीं रह गई है। ऐसे में गर्मी में लोड बढ़ते ही वे गलकर गिर जाता है। खपत बढऩे पर तारों के गलकर गिरने से घंटों आपूर्ति बाधित होती है। पंद्रह दिन पहले ही तारों के टूटने के कारण बरारी उपकेंद्र का ब्रेकडाउन होने से 10 घंटे से अधिक देर के लिए बिजली ठप रही थी। वर्तमान में सिविल सर्जन, टीटीसी, भीखनपुर, मोजाहिदपुर, मायागंज, बरारी व जेल सहित आठ उपकेंद्र हैं। वर्ष 2010-2011 में लगभग एक लाख उपभोक्ता थे। दस सालों में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 1.35 लाख हो गई, लेकिन लोड के अनुपात में पुराने जर्जर तार नहीं बदले गए।
अबतक कितने बदले गए तार
- - 11 हजार वोल्ट के तार 90 किमी क्षेत्रफल में बदले गए
- - 33 हजार वोल्ट के तार 65 किमी क्षेत्रफल में बदले गए
- - लो टेंशन तार -165 किमी क्षेत्रफल में बदले गए हैं।
केंद्र सरकार की योजना के तहत भागलपुर शहरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार का काम टाटा प्रोजेक्ट को मिला है।समय बढाने का निर्णय केंद्र सरकार को लेना है। मार्च तक काम पूरा होने की उम्मीद है। सका है।
-मुर्तजा हेलाल, मुख्य अभियंता प्रोजेक्ट वन, अर्बन एसबीपीडीसीएल।