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किसी एक जगह हो, तो बताएं कि यहां दर्द है

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) का पीजी ब्वॉयज हॉस्टल नंबर एक। यहां रहने

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 02:07 AM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 02:07 AM (IST)
किसी एक जगह हो, तो बताएं कि यहां दर्द है

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) का पीजी ब्वॉयज हॉस्टल नंबर एक। यहां रहने वाले छात्रों को कई तरह के दर्द से गुजरना पड़ रहा है। कमरों की हालत ऐसी है कि कब छत का मलबा उनपर गिर जाए कहना मुश्किल है। इस डर से रतजगा करते हैं। कई बार मलबा गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं। छात्र बाल-बाल बचे हैं। इसकी जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को दी जाती रही है। पर, उस स्थान से मलबा हटवाकर जैसे-तैसे सीमेंट की चिप्पी साट दी जाती है। लिहाजा, कुछ दिनों में फिर मलबा गिरने लगता है। हॉस्टल की दीवार ऊंची नहीं होने से पूरा परिसर असुरक्षित है। दो माह पूर्व ही चोरी की घटना हुई थी। प्रथम तल पर कमरे में सेंध लगाकर चोरों ने तीन छात्रों के कमरे में चोरी की घटना को अंजाम दिया था। इसकी शिकायत विश्वविद्यालय चौकी में की थी।

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मेस में साइकिल स्टैंड ने ली जगह हॉस्टल नंबर एक में ग्राउंड फ्लोर पर ही एक बड़ा मेस बना हुआ है। वहां चूल्हे भी लगे हैं। किंतु अब बर्तन और खाने की सामग्रियों की जगह वहां छात्र अपनी साइकिल और बाइक लगाते हैं। छात्रों ने बताया कि मेस में ना तो दरवाजा है और ना खिड़की सुरक्षित बची है। मेस के भवन के साथ छत पूरी तरह जर्जर हो गया है। जो कभी भी बड़े हादसे का रूप ले सकते हैं। वहां छात्रों की लगातार आवाजाही होती है।

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कॉमन रूम का टीवी नहीं है रिचार्ज, कमरे में जमी धूल हॉस्टल में रहने वाले छात्रों ने बताया कि 113 कमरे हैं। रिसर्च छात्रों के लिए केबिन भी है। हॉस्टल में सौ से ज्यादा छात्र हैं, जिनके लिए सुविधा के नाम पर एक जर्जर कॉमन रूम है। जहां छात्रों के लिए टीवी तो है, लेकिन रिचार्ज नहीं होने कारण वह बंद पड़ा रहता है। कमरे में कोई अन्य मनोरंजन के साधन नहीं होने के कारण वहां की स्थिति बदतर है। कमरे में कोई चाहकर भी नहीं बैठता। शुद्ध पानी के लिए अपनी व्यवस्था पर टिके हैं छात्र पीजी वन छात्रावास में पीने के पानी के लिए तीन केंट की व्यवस्था है, लेकिन वह भी खराब पड़ा हुआ है। हॉस्टल में रहने वाले सेकेंड सेमेस्टर के दयानंद ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत की गई है, किंतु अब तक सुनवाई नहीं हुई है। लालू कुमार ने बताया कि हॉस्टल में बिजली वायरिग की स्थिति बदतर हालत में हैं। पानी की व्यवस्था भी अच्छी नहीं है। गार्डन के लिए एक भी माली नहीं

राहुल ने बताया कि वे लोग किसी तरह हॉस्टल में गुजारा कर रहे हैं। गुंजन और नीरज ने बताया कि उन लोगों से फीस में कोई छूट नहीं दी जाती है, किंतु सुविधाओं के नाम पर मूलभूत सुविधा भी नहीं मिलती है। इस कारण वे लोग जैसे-तैसे रहते हैं। उन्होंने कहा कि अभी मच्छर का प्रकोप है, बावजूद कभी भी फॉगिंग नहीं होती है। छात्रों ने बताया कि कैंपस के गार्डन को देखने के लिए एक भी माली तक नहीं है।

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कोट :

हॉस्टल में जो भी समस्याएं हैं, अधीक्षक से जानकारी ली जाएगी। छात्रों को किसी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए कवायद शुरू हुई है। खुद भी छात्रावास जाकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे। छात्रों की समस्याओं को कुलपति के समक्ष भी रखेंगे। ताकि उनके निर्देशन में व्यवस्थाएं दुरुस्त हो।

- डॉ. राम प्रवेश सिंह, डीएसडब्ल्यू


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