शिक्षा विभाग ने नहीं दिया कुमार अनुज की आपत्ति का जवाब, जानें... क्या है मामला
बागवाड़ी में दुकान आवंटन में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के खिलाफ दायर नीलामपत्र वाद की सुनवाई इसलिए नहीं हुई कि शिक्षा विभाग ने कुमार अनुज की ओर से दर्ज आपत्ति का जवाब नहीं दिया।
भागलपुर (जेएनएन)। बागवाड़ी में दुकान आवंटन में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के खिलाफ पूर्व एसडीओ कुमार अनुज के विरुद्ध दायर नीलामपत्र वाद की सुनवाई मंगलवार को इसलिए नहीं हुई कि शिक्षा विभाग ने कुमार अनुज की ओर से दर्ज आपत्ति का जवाब नहीं दिया। पिछले दिनों पूर्व एसडीओ ने अपने उपर लगे आरोपों पर आपत्ति जताई थी। इस आपत्ति पर नीलामपत्र पदाधिकारी ने जवाब मांगा था। सुनवाई में शिक्षा विभाग की ओर से कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ। नीलामपत्र पदाधिकारी आलोक कुमार सिन्हा ने शिक्षा विभाग को अगली सुनवाई छह नवंबर को जवाब के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग की ओर से डीपीओ स्थापना ने करीब साढ़े तीन लाख रुपये वसूली के लिए वाद दायर किया था।
इसके साथ ही सृजन मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा बनाम स्वास्थ्य विभाग की सुनवाई की तिथि भी छह नवंबर रखी गई है। सुनवाई में बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से अधिवक्ता हाजिर हुए, लेकिन सिविल सर्जन के प्रतिनिधि अनुपस्थित थे। बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग ने एक सप्ताह का समय मांगा है। मालूम हो कि सृजन घोटाले में स्वास्थ्य विभाग ने बैंक ऑफ बड़ौदा प्रबंधन पर सरकारी राशि 40 लाख रुपये की अवैध निकासी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। राशि की वसूली के लिए नीलामपत्र वाद दायर किया गया था। दोनों मामले में सुनवाई पिछले एक साल से अधिक समय से चल रही है।
सीबीआइ को नजारत का दस्तावेज सौंपने दिल्ली पहुंची टीम
सीबीआइ ने नजारत से तीन बैंक खातों से जमा और निकासी के कागजात मांगे थे। कागजात को लेकर नजारत की टीम दिल्ली पहुंच गई है। संभावना है कि 25 तक सीबीआइ को कागजात सौंप दी जाएगी। सीबीआइ ने 27 तक कागजात उपलब्ध कराने को कहा था।
इसके पहले सीबीआइ पूर्व में एनडीसी रहे अफसरों से भी उनके कार्यकाल में जमा निकासी से संबंधित कागजात की मांग की थी। नजारत के खातों की आंतरिक जांच के लिए गठित समिति के सदस्य भी दो बार दिल्ली बुलाए जा चुके हैं। सीबीआइ टीम के सदस्यों से अवैध निकासी के हर पहलुओं की जांच कर चुकी है। नजारत शाखा ने अवैध निकासी पर पांच प्राथमिकी दर्ज कराई थी। करीब पौने तीन सौ करोड़ रुपये की अवैध निकासी हुई थी।