ढाक बजाकर मां को किया जाता है प्रसन्न
भागलपुर में तीन दशक से ढाक बजाकर मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसके आवाज से मां खुश होती है और भक्तों की मुरादें पूरी करती हैं।
भागलपुर। भागलपुर में तीन दशक से ढाक बजाकर मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसके आवाज से मां खुश होती है और भक्तों की मुरादें पूरी करती हैं। शनिवार को बांग्ला पूजा पंडालों और मंदिरों में मा दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ रही। मंदिर के अंदर वैदिक मंत्रों के साथ मा की पूजा की गई। ढोल, नगाड़े बजने के बाद पूजा हुई, इसके बाद भक्तों के लिए मा के पट खोल दिए गए। पूजन के बाद मा को आमंत्रण भेजा गया। प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद मा की विधिवत पूजा की गई। मा को मंगल सूत्र से बाध कर विनती की गई।
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कोलकाता से आए हैं कलाकार, कई पीढ़ी से बजा रहे ढाक
बंगाली अखाड़ा, महाशय ड्योढ़ी, कालीबाड़ी में ढाक बजाने के लिए कोलकाता से कलाकार पहुंचे हैं। यहां कई वर्षो से कलाकार ढाक बजाने आ रहे हैं। बंगाल के कलाकार नमो कुमार यामल, राम सुंदर, विक्रम नयन, श्याम वत्सल ने बताया कि उनके पूर्वज भी यही काम करते थे। नमो बताते हैं कि वह पिछले 18 साल से भागलपुर आ रहे हैं। महिलाएं सिंदूर खेल कर पति की लंबी उम्र की करती हैं कामना
आज पुष्पाजलि के बाद मा को प्रसाद चढ़ाया जाएगा। संधि पूजा का भी आयोजन होगा। इसमें 108 दीपक जलाए जाएंगे। इसके बाद मा को प्रसाद अर्पित किया जाएगा। दशमी को कलश विसर्जन के बाद महिलाएं सिंदूर खेलेंगी। बिहार बंगाली समिति की बरारी शाखा के अध्यक्ष तरुण घोष ने बताया कि बंगाली रीति रिवाज में विजयादशमी के दिन सिंदूर खेलने का विशेष महत्व है।