शहर में पूजा पंडालों की बदलने लगी सूरत, भक्ति भाव में डूबे लोग
आफत की बारिश समाप्त होते ही शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में दुर्गा पूजा का उत्सवी माहौल अब साफ दिखने लगा है। शहर के विभिन्न मंदिरों व क्लबों द्वारा पूजा पंडालों को तेजी से आकर्षक रूप दिया जा रहा है।
भागलपुर। आफत की बारिश समाप्त होते ही शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में दुर्गा पूजा का उत्सवी माहौल अब साफ दिखने लगा है। शहर के विभिन्न मंदिरों व क्लबों द्वारा पूजा पंडालों को तेजी से आकर्षक रूप दिया जा रहा है। आदमपुर में छत्तीसगढ़ का अलखतारा मंदिर, मारवाड़ी पाठशाला में मेदनीपुर का बौद्ध मंदिर, कचहरी चौक पर गुजरात का अक्षरधाम के स्वरुप का पंडाल बन रहा है। इसी तरह के सुंदर पंडाल का निर्माण मुंदीचक गढ़ैया, बड़ी खंजरपुर और मानिक सरकार आदमपुर में बन रहा है। जो लोगों को मेले में लुभाने का काम करेगा।ं 101 दीपों से होती है आरती
मोहदीनगर दुर्गा मंदिर की खासियत है कि यहां हर दिन देवी की 101 दीपों से महाआरती की जाती है। देवी गीतों से एक घंटे तक मंदिर प्रागंण गूंजायमान हो जाता है। बड़ी संख्या में आसपास के लोग इसमें शामिल होते हैं।
की जाती है।
मारवाड़ी पाठशाला में खूब लगता है मेला
शहर में मारवाड़ी पाठशाला का पूजा पंडाल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। यहां ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग मेले का आनंद लेने आते हैं। यहां लगने वाला मेला शहर का सबसे बड़ा मेला माना जाता है।
रावण दहन और रामलीला
लाजपत पार्क दुर्गा मंदिर में लगने वाले मेले का मुख्य आकर्षण रावण दहन और रामलीला का आयोजन था। जिसे देखने के लिए दूर दराज से भक्तजन आते थे, लेकिन निगम द्वारा अपनी जमीन की घेराबंदी कर पार्क विकसित कर दिया गया। जगह की कमी पड़ जाने के कारण अब वहां रावण दहन और रामलीना का आयोजन नहीं होता है।
देखते ही बनती है मुंदीचक गढ़ैया की आरती
प्राचीन दुर्गा मंदिर मुंदीचक गढ़ैया में सुबह-शाम होने वाली देवी की आरती देखते ही बनती है। बड़ी संख्या में समाज के लोग और आसपास के मोहल्लों के भक्तजन मां की आरती में आकर शामिल होते हैं। ऐसी मान्यता है कि हर दिन आरती में शामिल होने वाले भक्तों की हर मुरादें पूरी होती है।