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मंगलकामनाओं के साथ मातारानी को विदाई देने उमड़ा जनसैलाब

दुर्गापूजा की समाप्ति के बाद बुधवार की दोपहर से मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने मंगलकामनाओं के साथ मा दुर्गा की प्रतिमाओं को मुसहरी घाट बरारी सीढ़ी घाट पुल घाट सहित अन्य घाटों पर विसर्जित किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 01:20 AM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 01:20 AM (IST)
मंगलकामनाओं के साथ मातारानी को विदाई देने उमड़ा जनसैलाब

भागलपुर। दुर्गापूजा की समाप्ति के बाद बुधवार की दोपहर से मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने मंगलकामनाओं के साथ मा दुर्गा की प्रतिमाओं को मुसहरी घाट, बरारी सीढ़ी घाट, पुल घाट सहित अन्य घाटों पर विसर्जित किया। पूजा पंडालों में महिलाओं ने विदाई के पूर्व माता को खोइंछा दिया।

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दोपहर बाद गाजे-बाजे के साथ स्टेशन चौक से विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई। वहां से सुजागंज बाजार, वेरायटी चौक, खलीफाबाग, कोतवाली, आदमपुर, खंजरपुर होते हुए शोभायात्रा मुसहरी घाट पहुंची। यहां पूजा-अर्चना के बाद जयकारें के साथ मां को विदाई दी गई। घाट पर मोटरबोट के साथ गोताखोरों थे तैनात

प्रशासन की ओर से मुसहरी घाट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। मोटरबोट व गोताखोरों की भी व्यवस्था की गई थी। रोशनी के व्यापक प्रबंध किए गए थे। एसएसपी, सदर एसडीओ, नगर डीएसपी, समेत कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी विधि-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विसर्जन होने तक मुसहरी घाट पर मौजूद थे। वहीं, दुर्गा पूजा महासमिति की अध्यक्ष अनिता सिंह, अभय कुमार घोष, जयनंदन आचार्या, प्रकाश चंद्र गुप्ता, विनय कुमार सिन्हा, चिरंजीवी यादव, भोला कुमार मंडल, अशोक सरकार, सरोज झा व अन्य भी सक्रिय रहे थे।

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सिंदूर खेला रस्म के बाद बड़ी दुर्गा की हुई विदाई

मंगलवार को बंगाली समाज द्वारा स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया। महिलाओं ने सिंदूर खेल कर विजयादशमी का उत्सव मनाया। शहर के कालीबाड़ी और दुर्गाबाड़ी सहित कई स्थानों पर बंगला रीति रिवाज से मा दुर्गा की पूजा होती है।

वहीं, हर साल की तरह इस साल भी शहर में कई जगहों पर बड़े-बड़े पंडाल बनाए गए थे। परंपरा और संस्कृति के लिहाज से दुर्गाबाड़ी, कालीबाड़ी, महाशय ड्योढ़ी दुर्गा मंदिर का बेहद खास महत्व है। देवी बहनों का कराया गया खोइंछा मिलन

मा दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन देर रात तक चलता रहा। नगर में कड़ी सुरक्षा के बीच सभी प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। इसके पूर्व देवी बहनों का खोइंछा मिलन कराया गया। स्टेशन चौक पर परबत्ती की बड़ी दुर्गा महरानी की प्रतिमा पहुंची और मिरजान सहित अन्य प्रतिमाओं के साथ खोइंछा मिलन हुआ। भीड़ से पटी रहीं सड़कें, मेले का लोगों ने जमकर लिया आनंद

जासं, भागलपुर। अष्टमी, नवमीं और दशमी को लोगों ने मेले का खूब आनंद लिया। शाम छह बजे के बाद शहर की सड़कों पर मेले की भीड़ देखते ही बन रही थी। मिरजानहाट से लेकर उल्टा पुल, स्टेशन चौक से लेकर परबत्ती तक महिलाएं, बच्चे, युवा और बुजुर्ग मेले का लुत्फ लेते दिखे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कई जगहों पर बेरीकेडिंग की व्यवस्था कर रखी थी। कचहरी चौक से एमजी रोड, घटाघर से पटल बाबू रोड, खलीफाबाग चौक, वेराइटी चौक, आदमपुर से खंजरपुर व तिलकामाझी तक मेला देखने वालों का हुजूम लगा रहा।


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