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Durgapuja 2020: डेढ़ शताब्दी से लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना है खैरा का यह दुर्गामंदिर

जमुइ्र्र के खैरा का दुर्गा मंदिर 179 वर्ष पुराना है। 1833 में खैरा स्टेट के तत्कालीन राजा गुरु प्रसाद ङ्क्षसह ने इसका निर्माण कराया था। यह मंदिर बीते डेढ़ शताब्दी से लोगों के बीच प्रखर आस्था का उघ्घीप्त करता रहा है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 08:33 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 08:33 PM (IST)
Durgapuja 2020:  डेढ़ शताब्दी से लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना है खैरा का यह दुर्गामंदिर
खैरा स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर बीते डेढ़ शताब्दी से लोगों के बीच प्रखर आस्था का उघ्घीप्त करता रहा है।

जमुई, जेएनएन। खैरा स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर बीते डेढ़ शताब्दी से लोगों के बीच प्रखर आस्था का उघ्घीप्त करता रहा है। अपनी अलौकिक शक्तियों और लोगों की भावनाओं के कारण यह आस-पास के गांव में सर्व मनोकामना सिद्धि के रूप में प्रसिद्ध है। ऐसी मानवता है कि इस मंदिर में अरदास लगाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

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इस मंदिर का निर्माण आज से 179 वर्ष पूर्व सन 1833 में खैरा स्टेट के तत्कालीन राजा गुरु प्रसाद ङ्क्षसह ने कराया था। राजा ने इस मंदिर का निर्माण अपने महल के मुख्य द्वार सम्मुख ही करवाया था। आज भी यह मंदिर राजा के महल के भग्नावशेष के सामने है, जबकि राजमहल गढ़ के अंदर का हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका था। हाल में ही मंदिर के कमेटियों द्वारा नया निर्माण कराया गया है जिसमें अब गहबर निर्माण कर कलश स्थापित किया जाता है।

यह मंदिर सर्व मनोकामना सिद्धि मंदिर के रूप में जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु अगर सच्चे मन से माता का ध्यान करते हैं तो मां उनकी मुरादें पूरी करती जिस वजह से यहां प्रतिवर्ष दशहरा के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। नवरात्र शुरू होते ही यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। वहीं बड़ी संख्या में लोग यहां बलि देने भी आते हैं। अष्टमी की रात से ही बलि देना शुरू हो जाता जो नवमी की देर सुबह तक चलता है।

यहां विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार बख्तियारपुर से कलाकारों को बुलाकर मूर्ति निर्माण कराया जा रहा है लेकिन इस साल सरकार के गाइड लाइन के अनुसार यहां मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा।

- अभय कुमार, सचिव

कलश स्थापना के बाद से श्रद्धालु दंडवत देते हुए गर्भ गृह तक आते हैं। सच्चे मन से आने वालों की मां हर मनोकामना पूर्ण करती है।

- प्रदीप आचार्य, पुजारी


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