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दुर्गा पूजा : सुपौल का यह दुर्गा मंदिर, क्‍यों जाना जाता है बुढ़िया माई के नाम से?, सात दशकों से यहां है यह विशेष परंपरा

दुर्गा पूजा बुढ़िया माई के नाम से प्रसिद्ध है सुपौल के रतनपुर पुरानी बाजार की माता। सात दशक से अधिक समय से हो रही पूजा-अर्चना। इस यहां शारदीय व चैती नवरात्र मनाने की है। शारदीय नवरात्र में दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर वैष्णवी तरीके से पूजा की जाती है।

By JagranEdited By: Dilip Kumar shuklaPublished: Tue, 27 Sep 2022 04:09 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 04:09 PM (IST)
दुर्गा पूजा : सुपौल का यह दुर्गा मंदिर, क्‍यों जाना जाता है बुढ़िया माई के नाम से?, सात दशकों से यहां है यह विशेष परंपरा
सुपौल के रतनपुर पुराना बाजार स्थित मां दुर्गा मंदिर।

संवाद सूत्र, करजाईन बाजार (सुपौल)। दुर्गा पूजा :  बसंतपुर प्रखंड के रतनपुर पुराना बाज़ार स्थित मां दुर्गा के मंदिर में करीब सात दशक से अधिक समय से माता की पूजा-अर्चना की जा रही है। यहां की माता की महिमा अपरंपार है। क्षेत्र के भक्तों में बुढ़िया माई के नाम से प्रसिद्ध यहां की माता के प्रति क्षेत्र के लोगों में अटूट आस्था है। माता के दरबार में वैसे तो सालोंभर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन नवरात्र के दिनों में तो यहां भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। इस सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में शारदीय व चैती नवरात्र मनाने की परंपरा कायम है। शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा तथा अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर वैष्णवी तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है।

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मंदिर के स्थापना काल वर्ष 1951 में फूस के छोटे से घर में मां दुर्गा की पूजा अर्चना शुरू हुई थी। इसके बाद ईंट की दीवार एवं टीना का मंदिर बनाकर पूजा-अर्चना की जाने लगी। वर्तमान में यह भव्य मंदिर के रूप में परिवर्तित हो गया है। स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि यह मंदिर रतनपुर पंचायत सहित पंचायत के आसपास के गांवों के लोगों का भी श्रद्धा व आस्था का केंद्र है। जो भी भक्त यहां मन्नतें मांगता हैं वह कभी खाली हाथ नहीं लौटते। ग्रामीणों ने बताया कि दुर्गा पूजा के मौके पर कलश स्थापना से विजयादशमी तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।

पूजा समिति के अध्यक्ष तपेश चंद्र मिश्र, उपाध्यक्ष बिनोद मंडल, सचिव संजय कुमार सुमन, कोषाध्यक्ष रंजन गुप्ता, सदस्य मनीष झा, कुंदन गुप्ता, महेश यादव, विजय मेहता, लखन शर्मा, मिठू शर्मा, केशवेंद्र कंठ, संजीव रंजन झा, गोपाल झा, रामदेव मेहता, प्रदीप साह आदि ने बताया कि प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। पूजा कमेटी तथा ग्रामीणों की निगरानी में पंडित अजय मिश्र एवं पुरोहित गंभीर मिश्र के द्वारा पूजा-अर्चना हो रही है। मंदिर एवं आसपास सफाई, रोशनी एवं पेयजल प्रबंध सहित श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हो इसका विशेष ख्याल रखा गया है।


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