दुर्गा पूजा: कोरोना संक्रमण के खतरे ने रोकी रावण वध की राह, भरत मिलाप भी नहीं
कोरोना संक्रमण का प्रसार अभी थमा नहीं है। रावण वध नहीं होगा। जिला प्रशासन ने रावण वध की अनुमति नहीं दी। दूसरे वर्ष रावण वध का कार्यक्रम नहीं आयोजित हो रहा है। साथ ही अन्य कार्यक्रम भी रद कर दिए गए हैं। भरत मिलाप भी नहीं होगा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे ने एक बार फिर रावण को वध होने से बचा लिया। संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने रावण वध की अनुमति नहीं दी। इस कारण लगातार दूसरे वर्ष रावण वध का कार्यक्रम नहीं आयोजित हो रहा है। गोलदारपट्टी रामलीला समिति के अध्यक्ष दिलीप भगत ने कहा कि कोरोना के कारण एक बार फिर से रावण वध और रामलीला का कार्यक्रम टल गया है। यहां 35 फीट ऊंचा रावण का, 30 फीट ऊंचा कुंभकरण का और 25 फीट ऊंचा मेघनाद का पुतला बनाया जाता था।
हुसैनाबाद के कलाकार पुतला का निर्माण करते थे। रावण वध से पहले आठ दिनों तक रामलीला का आयोजन होता था। जिसमें अजमेरीपुर बरिया के कलाकार रामलीला का सजीव मंचन करते थे। रामलीला समिति के अध्यक्ष ने कहा कि इस बार हमलोगों ने रावण वध और रामलीला के कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी थी। कई लोगों को साटा (अग्रिम) भी दे दिया था। अंत में जिला प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिल पाई। इस कारण कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा रहा है। 2020 में भी रावण वध का आयोजन नहीं हो सका था। रावण वध और रामलीला के कार्यक्रम में पांच लाख रुपये खर्च होता था। जिला के अलग अलग प्रखंड के अलावा दूसरे जिलों से भी लोग रावण वध देखने पहुंचते थे।
नहीं होगा भरत मिलाप
कोरोना काल के मद्देनजर इस बार रावण दहन और भरत मिलाप जैसे होने वाला कार्यक्रम नहीं होंगे। जिला प्रशासन द्वारा पूजा समितियों को इसकी इजाजत नहीं मिली है। शहर के मोहदीनगर और नाथनगर के कर्णगढ़ मैदान में भरत मिलाप और रावण दहन का कार्यक्रम होता था। आसपास में कई जगहों पर इस प्रकार के आयोजन होते थे। मोहदीनगर के पूजासमिति के देबु साह ने कहा कि इस बार भरत मिलाप का कार्यक्रम नहीं होगा। नाथनगर में शांतिसमिति की बैठक में ही प्रशासन द्वारा रावण दहन नहीं करने का फैसला लिया गया था। इस बार कहीं भी इस प्रकार के कार्यक्रम नहीं होंगे।