Durga Puja 2020: मेहरपुर का यह मंदिर 175 साल से लोगों के लिए है आस्था का केंद्र
भागलपुर के मेहरपुर स्थित दुर्गा मंदिर धार्मिक सौहार्द का भी प्रतीक है। मंदिर की स्थापना से लेकर अब तक हर मौके पर पूरे गांव के लोगों का सहयोग रहता है। गांव में विभिन्न मजहब के लोग रहते हैं। सभी लोग इसमें खुशी-खुशी सहयोग करते हैं।
भागलपुर, जेएनएन। पीरपैंती प्रखंड के मेहरपुर स्थित दुर्गा मंदिर करीब पौने दो सौ साल से लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। यहां हर साल धूमधाम से मां की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि मां के दर पर आने वाले हर भक्तों की मुरादें पूरी होती है। साथ ही यह मंदिर धार्मिक सौहार्द का भी प्रतीक है।
ग्रामीण शत्रुुध्न सिंह सिरमौर बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण गांव के प्रतिष्ठित व्यक्ति स्वर्गीय रामनाथ सिंह के पूर्वजों ने किया था। ऐसी मान्यता है कि उनके एक पूर्वज के स्वप्न में मां आई थीं। उन्होंने स्वप्न में आकर मेहरपुर आने की इच्छा जताई थी। साथ ही साथ गांव के बीचो-बीच एक भव्य मंदिर के निर्माण की भी इच्छा जताई थी। इसके बाद रामनाथ सिंह के पूर्वजों ने ग्रामीणों के सहयोग से पास के गांव बरैनी से मां के अवशेष को लाकर गांव के बीचो-बीच स्थापित किया। इसके बाद वहां पर मंदिर की स्थापना की गई। तब से लेकर अब तक यहां पर हर साल पूजा-पाठ किया जा रहा है। इसमें पूरे गांव के लोगों का सहयोग रहता है।
धार्मिक सौहार्द का प्रतीक है यह मंदिर
ग्रामीण शत्रुध्न बताते हैं कि यह मंदिर धार्मिक सौहार्द का भी प्रतीक है। मंदिर की स्थापना से लेकर अब तक हर मौके पर पूरे गांव के लोगों का सहयोग रहता है। गांव में विभिन्न मजहब के लोग रहते हैं। सभी लोग इसमें खुशी-खुशी सहयोग करते हैं। गांव के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि इस गांव के लोगों पर मां की विशेष कृपा रही है। जब से गांव में मंदिर की स्थापना हुई है, गांव के लोग नित्य तरक्की के मार्ग को प्रशस्त कर रहे हैं।
इस बार सादगी से होगी मां की पूजा-अर्चना
कोरोना संकट के मद्देनजर इस बार हर साल की तरह यहां पर पूजा-अर्चना नहीं की जाएगी। यहां इस बार सादगी से मां की पूजा-अर्चना होगी। साथ ही मंदिर परिसर में पूजा-पाठ को लेकर जारी गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का अक्षरश: पालन किया जाएगा। दर्शन-पूजन के दौरान मंदिर के अंदर और बाहर शारीरिक दूरी का पालन किया जाएगा।