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शराबबंदी के बाद सीमांचल में बढ़ी मादक पदार्थों की तस्करी

शराबबंदी के बाद सीमांचल के जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 03:05 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 03:05 PM (IST)
शराबबंदी के बाद सीमांचल में बढ़ी मादक पदार्थों की तस्करी
शराबबंदी के बाद सीमांचल में बढ़ी मादक पदार्थों की तस्करी

कटिहार (नीरज कुमार)। शराबबंदी के बाद सीमांचल के जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ी है। कटिहार सहित सीमांचल के पूर्णिया, अररिया एवं किशनगंज जिले में गांजा, अफीम सहित अन्य मादक पदार्थों की खेप पकड़ी गई है। मादक पदार्थ की तस्करी में स्थानीय अपराधी गिरोह की संलिप्तता की बात भी सामने आई है। मादक पदार्थों की तस्करी कर अपराधी अपने गिरोह के लिए हथियार सहित अन्य संसाधन जुटाने का काम करते हैं। स्थानीय अपराधी गिरोह गंगा एवं कोसी के दियारा इलाकों को मादक पदार्थों का डं¨पग प्वाईंट के रूप में उपयोग कर रहा है। विषम भौगोलिक स्थिति के कारण पुलिस की दियारा में सतत निगरानी नहीं हो पा रही है।

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बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के कूचबिहार के रास्ते गांजा की तस्करी बिहार के सीमांचल सहित देश के अन्य स्थानों पर की जा रही है। पूर्वोत्तर से आने वाली ट्रेनों से गांजा सहित अन्य मादक पदार्थों की तस्करी कर खपाने का काम किया जाता है। पूर्वोत्तर की ओर से आने वाली ट्रेनों से मादक पदार्थ को देश भर में खपाने का काम किया जा रहा है। रेलवे इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक कूचबिहार में तस्कर गिरोह सक्रिय है। ट्रेनों में तलाशी के दौरान मादक पदार्थों की खेप तो पकड़ी जा रही है, लेकिन गिरोह का पूरी तरह उदभेदन नहीं हो पाया है। वहीं असम के तिनसुकिया, गुवाहाटी एवं नागालैंड के दीमापुर से नारकोटिक्स की तस्करी ट्रक कंटेनर से देश के बड़े शहरों तक की जा रही हैे। पिछले डेढ़ वर्ष में रेल व स्थानीय पुलिस द्वारा गांजा तस्करी के दो दर्जन मामले पकड़े गए हैं। अधिकांश मामलों में महज मादक पदार्थों की बरामदगी भर की जा सकी। जानकारी के मुताबिक ट्रेन के ब्रेक भान में तस्करी का गांजा आराम से बुक करा दिया जाता है। महत्वपूर्ण ट्रेनों की एसी बोगी से भी गांजा की खेप पकड़ी जा चुकी है। संबंधित स्टेशन पर गिरोह के एजेंट मादक पदार्थ को उतार सड़क के रास्ते गंतव्य तक पहुंचाया जाता है। पूर्वोत्तर की ओर से आने वाली माल लदे ट्रकों से गांजा, ब्राउन सुगर एवं हेरोइन को चमड़े के छोटे बैग में पैक कर देश के बड़े शहरों में भेजा जाता है। सड़क मार्ग से मादक पदार्थों की तस्करी का खेल कोड वर्ड के सहारे खेला जा रहा है। इस्लामपुर है तस्करी का ट्रांजिट प्वाइंट बांग्लादेश एवं नेपाल से मादक पदार्थ की खेप पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर पहुंचाई जाती है। मादक पदार्थों की तस्करी के लिए इस्लामपुर को तस्कर गिरोह का ट्रांजिट प्वॉईंट माना जाता हैे। इस्लामपुर से डिमांड के आधार पर मादक पदार्थों की खेप भेजी जाती हैे। जानकारी के मुताबिक भोजपुर एवं बक्सर में तस्कर ¨सडिकेट सक्रिय है।

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कोट:-

शराबबंदी के मादक पदार्थों की तस्करी एवं नशे के रूप में कफ सीरप की बिक्री को लेकर विभागीय स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। मादक पदार्थों की तस्करी पर नजर रखने के लिए बंगाल सीमा से लगे इलाकों में स्थानीय पुलिस के साथ चौकसी बरतने के साथ ही सर्च ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है।

अरूण कुमार मिश्रा, उत्पाद अधीक्षक, कटिहार।


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