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Drug scam in Katihar: पांच करोड़ के गबन मामले में तत्कालीन प्रभारी उपाधीक्षक किए गए जबरिया रिटायर्ड, जानिए

कटिहार में दवा घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। दवा खरीद मामले में पांच करोड़ रुपये के हेरफेर का मामला प्रकाश मेंं आने के बाद हड़कंप मच गया। जांच में दोषी पाए जाने पर तत्‍कालीन अस्‍पताल उपाधीक्षक को जबरिया रिटायर्ड कर दिया गया।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 04:51 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 04:51 PM (IST)
कटिहार में दवा घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है।

कटिहार [नीरज कुमार]। वित्तीय वर्ष 2009-10 से 2011- 12 के बीच दवा खरीद में जमकर धांधली बरती गई थी। दवा घोटाला में तत्कालीन सिविल सर्जन पर भी कार्रवाई की गई थी। इस मामले में सदर अस्पताल के तत्कालीन प्रभारी उपाधीक्षक मनींद्र कुमार मनीष पर कार्रवाई की गाज गिरी है। मुख्यालय स्तर से अनिवार्य सेवानिवृति का आदेश जारी करते हुए निम्नतर कालमान वेतन निर्धारित किए जाने का निर्देश दिया गया है। डॉ. मनीष वर्तमान में सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू के चिकित्सा पदाधिकारी हैं। कार्रवाई का आदेश जारी होने के बाद उन्हें अपना प्रभार अस्पताल उपाधीक्षक को सौंपने को कहा गया है। बताते चलें कि तय दर से अधिक कीमत पर दवा की खरीद तथा बिना निविदा के अनियमित तरीके से साल 2009 से 2012 के बीच दवा की खरीद की गई थी।

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इस पूरे मामले में सप्लायर, तत्कालीन सिविल सर्जन की मिलीभगत से चार करोड़ से अधिक की वित्तीय अनियमितता बरती गई थी। दवा खरीद में अनियमितता बरते जाने की शिकायत मिलने पर मामले की जांच तत्कालीन जिलाधिाकरी के निर्देश पर कराई गई। जांच में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरते जाने एवं मानकों की अनदेखी कर दवा खरीद किए जाने की बात सामने आई। जांच रिपोर्ट में गबन का मामला सामने आने के बाद भी कार्रवाई सिफर ही रही। दो वर्षों तक जांच रिपोर्ट को दबाए रखा गया। बक्सर की एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा उच्च न्यायालय में दवा घोटोले को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थ। हाई कोर्ट ने दायर रिट पर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को कोर्ट में सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया था। दवा खरीद में गबन को लेकर उच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा। इससे पूर्व भी स्वास्थ्य विभागीय कनीय स्तर के कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की गाज गिरी है।

नदी व तालाब में फेंकी गई थी एक्सपायरी दवा

दवा खरीद में वित्तीय घपलेबाजी तो दूर अवधि समाप्त दवाओं की आपूर्ति तक की गई थी। जांच में मामला पकड़े जाने के बाद एक्सपायरी दवाओं का साक्ष्य मिटाने को लेकर दवाओं को नदियों में भी फेंका गया। आजमनगर में महानंदा नदी के तट से एक्सपायरी दवाओं की बरामदगी हुई थी।

दवा खरीद मामले में अनियमिता को लेकर सदर अस्पताल के तत्कालीन प्रभारी उपाधीक्षक एवं वर्तमान में एसएनसीयू के चिकित्सा पदाधिकारी पर कार्रवाई की गई है। विभागीय निर्देश पर अनिवार्य सेवानिवृति के साथ ही निम्नतर कालमान वेतन पर अवनत किया गया है। -डॉ. डीएन पांडेय, सिविल सर्जन, कटिहार।


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