बालिका गृह में डिप्रेशन में जी रही हैं बच्चियां
बालिका गृह में चिकित्सकों की टीम ने सोमवार को बालिकाओं के स्वास्थ्य की जांच की।
भागलपुर। बालिका गृह में चिकित्सकों की टीम ने सोमवार को बालिकाओं के स्वास्थ्य की जांच की। दो-तीन बच्चिया खाना नहीं खा रही हैं। किसी तरह उन्हें खिलाया जा रहा है। टीम द्वारा प्रश्न पूछे जाने से भयभीत बालिकाएं वार्डन की तरफ देखती हैं। भय की वजह से कई बालिकाएं डिप्रेशन में हैं। उन्हें मायागंज अस्पताल में भी इलाज करने की सलाह दी जा सकती है।
बताया गया कि बालिका गृह में नाथनगर, भागलपुर, सहरसा, पूर्णिया सहित अन्य शहरों की हैं। बताया जाता है कि कोलकाता की भी बालिका है। चार बालिकाएं बीमार हैं। वे डिप्रेशन और तनाव में रहती हैं। कुछ बालिकाएं मिर्गी से भी पीड़ित हैं। बालिका गृह में 32 बालिकाएं हैं। जांच के समय 28 बालिकाएं उपस्थित थीं। कई बालिकाओं का शरीर कमजोर हो गया है। टीम के सामने बोलने में भी उन्हें भय लग रहा था। तीन कमरों के भीतर उन्हें रखा गया है। बालिकाओं की उम्र 13 वर्ष से लेकर 16 वर्ष तक है। उन्हें इलाज करवाने की भी सलाह दी गई है।
जांच टीम में सदर अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका रानी, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुंदन, जेएलएनएमसीएच मानसिक रोग विभाग के डॉ. पंकज, डॉ. पूनम मोसेस ने बालिकाओं के स्वास्थ्य की जांच की।