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स्लीप एपनिया दे रही सासों को झटका, तेजी से बढ़ रही है यह बीमारी

लेटने के बाद मुश्किल से नींद आई और सांस रुकने की वजह से आंख खुल गई। यदि ऐसा आपके साथ हो रहा है तो ये आपके दिल पर होने वाले अटैक का सिग्नल है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Feb 2018 09:54 AM (IST)Updated: Wed, 21 Feb 2018 09:54 AM (IST)
स्लीप एपनिया दे रही सासों को झटका, तेजी से बढ़ रही है यह बीमारी
स्लीप एपनिया दे रही सासों को झटका, तेजी से बढ़ रही है यह बीमारी

[नवनीत मिश्र]भागलपुर। लेटने के बाद मुश्किल से नींद आई और सांस रुकने की वजह से आंख खुल गई। यदि ऐसा आपके साथ हो रहा है तो ये आपके दिल पर होने वाले अटैक का सिग्नल है।

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सोते समय अगर सांस एक घटे में पाच से 30 बार रुक रही है और आपको लंबी सास लेनी पड़ रही है तो यह आपके लिए चिंतनीय है। ऐसे में आपको लाइफ स्टाइल बदलने के साथ ही खानपान में भी बदलाव करने की जरूरत है।

डॉक्टरों ने इस बीमारी का नाम ऑब्स्ट्रेक्टिव स्लीप एपनिया दिया है। भागलपुर के लोगों में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक मरीज निजी क्लीनिक, नर्सिग होम और अस्पतालों में इलाज कराने आ रहे हैं। कुछ लोग तो होमियोपैथिक चिकित्सकों के यहां भी पहुंच रहे हैं।

2016 में इस रोग से पीड़ितों की संख्या आधा दर्जन के करीब थी। 2017 से संख्या बढ़ती जा रही है। जो चिंता का विषय है।

पुरुषों को अधिक परेशानी

यह बीमारी महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक पाई जा रही है। इसमें सोने के दौरान सांस लेने में दिक्कत होती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है और दिमाग फौरन सांस लेने के लिए संदेश देता है। उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति को तेज खर्राटे आ रहे हैं और वह झटके से उठने के साथ तेज सांस लेता है, तो समझ लीजिए उसे स्लीप एपनिया की शिकायत है।

इस बीमारी से पीड़ित होने की जानकारी होते ही बिना लापरवाही बरते इसका समुचित उपचार कराया जाना चाहिए नहीं तो यह घातक साबित हो सकती है। स्लीप स्टडी टेस्ट के जरिए रातभर मरीज का परीक्षण होता है। सीपेप या बाइपेप से मरीज को फोर्स के साथ सांस दी जाती है। इसमें उसके दिल और फेफड़े की हालत का भी अंदाजा चिकित्सक को हो जाता है। इसके हिसाब से इलाज शुरू होता है।

ढीली पड़ जाती हैं मासपेशिया

स्लीप एपनिया से पीड़ित मरीज को नींद के दौरान तेज खर्राटे की शिकायत होती है। मोटे लोग इस समस्या से अधिक ग्रसित होते हैं। इस बीमारी के कारण मासपेशिया ढीली पड़ जाती हैं। हाइ कोलेस्ट्रॉल, हाइ ट्राइग्लिसेराइडस और हाई ब्लड प्रेशर की भी दिक्कत होती है। ऐसे लोगों को रात में नींद कम आती है और दिन में ऊंघने की भी परेशानी होती है।

नशे का सेवन है खतरनाक :

नशीले पदार्थो का सेवन करने वाले इस बीमारी की चपेट में अधिक आते हैं। बीड़ी-सिगरेट, तंबाकू और पान मसाला का सेवन करने से यह बीमारी तेजी बढ़ती है। कई बार सोने के दौरान अचानक सांस रुकने के कारण व्यक्ति की मौत भी हो जाती है।

इस संबंध में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक कुमार सिंह बताते हैं कि स्लीप एपनिया के बारे में कम लोग जानते हैं जबकि इसके लक्षण अधिकतर लोगों में देखने को मिलते हैं। बेहतरी के लिए लोगों को नियमित अंतराल पर जाच करानी चाहिए और इस बीमारी के लक्षण पता चलने पर अच्छे चिकित्सक से इलाज कराना चाहिए।


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