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DGP गुप्तेश्वर पांडेय बोले, पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है साइबर क्राइम, जानिए... उन्होंने और क्या कहा Bhagalpur News

साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए हर जिले में साइबर क्राइम सोशल मीडिया यूनिट का गठन किया जा चुका है। बड़े जिलों में दो यूनिट खोले गए हैं। थाना खोलने का भी प्रस्ताव है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 09:55 AM (IST)
DGP गुप्तेश्वर पांडेय बोले, पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है साइबर क्राइम, जानिए... उन्होंने और क्या कहा Bhagalpur News
DGP गुप्तेश्वर पांडेय बोले, पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है साइबर क्राइम, जानिए... उन्होंने और क्या कहा Bhagalpur News

भागलपुर [संजय सिंह]। बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि पुलिस साइबर क्राइम रोकने के लिए चुनौतियों से जूझ रही है। आने वाला समय साइबर पुलिसिंग का है। पुलिस कर्मियों को इसके लिए खुद को तैयार करना होगा। विभागीय स्तर पर भी इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। हर जिले में कम से कम एक साइबर थाना होना चाहिए। तभी इस अपराध को नियंत्रित किया जा सकता है।

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उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए हर जिले में साइबर क्राइम सोशल मीडिया यूनिट का गठन किया जा चुका है। बड़े जिलों में दो यूनिट खोले गए हैं। इन इकाईयों में प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों को जगह दी गई है। समय-समय पर साइबर एक्सपर्ट द्वारा पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसके बावजूद साइबर अपराधी हर दिन अपराध के तरीके को बदलते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस कर्मियों को और ज्यादा प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।

उन्होंने बताया कि भविष्य में हर जिले में एक अलग साइबर थाना खोलने की योजना है। ताकि साइबर अपराध से जुड़े मामलों का अनुसंधान बेहतर और तेज गति से हो सके। प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों के अभाव में अभी ऐसे मामलों में विशेष कार्रवाई नहीं हो पाती है। इसके लिए साइबर फोरेंसिक यूनिट और साइबर ट्रेनिंग अकादमी का भी होना जरूरी है। अब तक राज्य में साइबर क्राइम व सोशल मीडिया से संबंधित 40 से ज्यादा यूनिटों ने काम करना शुरू कर दिया है। इन यूनिटों की संख्या और बढ़ाया जाएगी। थाना प्रभारियों को सोशल मीडिया, साइबर कानून और अन्य मामलों की विशेष जानकारी देने की भी व्यवस्था है। अब तक लगभग ढाई सौ थानेदारों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इनमें 30 से ज्यादा महिला थानाध्यक्ष शामिल हैं। सीसीपीडब्लूसी योजना के तहत इओयू मुख्यालय परिसर में राज्य स्तरीय फोरेंसिक लैब तैयार किया जाएगा। उसमें फोरेंसिक कंसल्टेंट को रखकर साइबर अपराध से जुड़े मामले सुलझाए जाएंगे। इस अपराध से निपटने की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। कुछ ही दिनों में इसके परिणाम सामने आने लगेंगे। इससे जुड़े दर्जनों मामलों में साइबर अपराधी पकड़े भी जा चुके हैं। साइबर अपराध पर नियंत्रण पाने के लिए आमजनों का भी प्रशिक्षत होना जरूरी है। इसके लिए हर जिले के एसएसपी और एसपी को जनता में जागरूकता पैदा करने के लिए पुलिस की ओर से विशेष मुहिम चलाने का भी निर्देश दिया गया है।


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