अक्षय नवमी पर परिवार की सुख शांति के लिए श्रद्धालुओं ने किया आंवला वृक्ष का पूजन
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष नवमी तिथि सोमवार को भक्तजनों ने अक्षय नवमी का त्योहार मनायाा इस पावन अवसर पर भक्तों ने सुख शांति के लिए आंवला पेड़ की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कीा ऐसी मान्यता है कि आंवला पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है
भागलपुर,[अमरेंद्र कुमार तिवारी] परिवार की सुख शांति के लिए सोमवार को जिले में भक्तजनों ने अपने अपने घरों के अलावा विभिन्न मंदिरों एवं ठाकुरवाडि़यों में आंवला पेड़ की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कीा पेड़ का चंदन और सिंदूर से तिलक कियाा विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग लगायाा पेड़ की परिक्रमा कीा वहीं दान ध्यान कर आंवला पेड़ के नीचे भोजन ग्रहण कियाा यह नजारा सबौर ठाकुरबाड़ी, बूढ़ानाथ, कोतवाली चौक स्थित कुपेश्वरनाथ मंदिर में देखने को मिलाा इधर टिृपल आइटी के निदेशक प्रो अरविंद चौबे के आवास पर भी संस्थान परिवार की महिलाओं ने श्रीमती निदेशक के मिलकर आंवला नवमी का त्योहार मनायाा पेड़ के नीचे बैठ कर भोजन ग्रहण किया और पुण्य के भागी बनेा संस्थान के शिक्षक एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों ने भी प्रसाद ग्रहण किया
आंवला पेड़ के पूजन का है विशेष महत्व
सबौर ठाकुरबाड़ी में भी आंवला पेड़ के नीचे भारी संख्या में महिलाएं अपने परिवार के साथ पूजा अर्चना के लिए पहुंचीा अक्षय पुण्य की प्राप्ति के लिए आंवला पेड़ की पूजा कीा किसी ने 21 तो कोई 108 बार पेड़ का परिक्रमा किएा इसके बाद विभिन्न प्रकार का भाेेेग लगाने के बाद प्रसाद ग्रहण कियाा फिर परिवार के साथ भोजन ग्रहण कियाा पंडि़त चंद्रशेखर झा ने कहा आज के दिन आंवला पेड़ की पूजा और वहां बैठ कर भोजन करने का विशेष ममहत्व हेा
खगडिय़ा: कार्तिक शुक्ल नवमी को आंवला नवमी या अक्षय नवमी कहा जाता है। सोमवार को अक्षय नवमी पर जगह-जगह आंवले के वृक्ष की पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं ने भोजन ग्रहण किया।
मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा करने से घर-परिवार में स्थाई सुख-संपत्ति का वास होता है। उस परिवार की खुशियां अक्षय रहती है। महिलाएं उत्तम संतान के लिए भी आंवला नवमी के दिन व्रत करती हैं।
पौराणिक कथा यह भी है कि आंवला नवमी या अक्षय नवमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन को छोड़ मथुरा प्रस्थान कर गए थे। तेमथा राका के पंडित मिथिलेश झा ने कहा कि आंवला नवमी अर्थात अक्षय नवमी का विशेष महत्व है। आंवला वृक्ष के नीचे इस दिन पूजन और भोजन करने का विशेष महत्व है।