शहर का विकास कार्य ठप, योजनाओं पर कुंडली मार बैठे संवेदक
भागलपुर। शहर में विकास कार्य ठप पड़े हैं। नगर निगम की करीब 440 से अधिक योजनाएं संचालित हैं। इनमें मुख
भागलपुर। शहर में विकास कार्य ठप पड़े हैं। नगर निगम की करीब 440 से अधिक योजनाएं संचालित हैं। इनमें मुख्यमंत्री गली नली, राज्य प्लान, आंतरिक संसाधन, 14वें वित्त आयोग का कार्य शामिल है। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना की करीब छह करोड़ की 95 योजनाएं लंबित हैं। 14वें वित्त की करीब 20 योजनाएं बीते तीन से चार वर्ष से अधर में हैं। संवेदक द्वारा योजनाओं पर कार्य नहीं किया जा रहा है। इससे शहर के विकास कार्य पर ग्रहण लग गया है।
बीते एक वर्ष से धरातल पर कोई कार्य ही नहीं हुआ है। गली-मोहल्ले की सड़कें योजना रहते नहीं बन रही हैं। निगम की योजनाओं पर कुंडली मारकर बैठे ठीकेदारों को न तो काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाला जा रहा और न ही विभागीय स्तर की कार्रवाई की जा रही है।
शहरी क्षेत्र के वार्ड 31 में 47 लाख रुपये की योजना से सड़क निर्माण तीन वर्ष से अधूरा है। इसमें से 36 लाख रुपये का ही भुगतान होना है। वार्ड आठ में 10 लाख रुपये की लागत से सड़क व नाले का निर्माण के लिए एग्रीमेंट हुआ है। इसके बाद भी घरातल पर कार्य नहीं हुआ। वहीं, वार्ड 34 के विषहरी स्थान के समीप 16 लाख रुपये की लागत से कार्य होना है। इसका भी एग्रीमेंट होने के बाद कार्य नहीं हुआ।
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अधर में जलापूर्ति योजना, बोरिग से आपूर्ति का इंतजार
शहर में जलापूर्ति योजना को लेकर बुडको को 19 डीप बोरिग का कार्य करना था। वर्ष 2018 में बुडकों ने राशि आवंटित कर दी, लेकिन तीन बोरिग से जलापूर्ति शुरू नहीं हुई। साथ ही तातारपुर में डीप बोरिग के लिए जगह नहीं मिलने पर योजना का कार्य पिछले तीन वर्ष से अधूरा पड़ा है। अलीगंज गंगटी में डीप बोरिग का कार्य हुआ, लेकिन मुख्य पाइपलाइन से कनेक्शन नहीं जोड़ा गया है। इससे योजना रहते लोगों को जलापूर्ति से वंचित होना पड़ रहा है। यहीं हाल जलापूर्ति योजना के तहत जलमीनार निर्माण की है। बरहपुरा में बिना एनओसी के जलमीनार का प्रस्ताव बना दिया गया। अब जगह नहीं मिलने से जलमीनार का कार्य फंस गया है। यहीं नहीं, आंतरिक संसाधन मद से नगर निगम ने 51 प्याऊ की मार्च में निविदा निकली थी। उनमें से आठ प्याऊ का ही कार्य हो पाया है, जबकि 15 प्याऊ का कार्य लेने वाले संवेदक के एनएससी के सत्यापन के लिए डाकघर भेजा है। प्याऊ के निर्माण पर भी कागजी प्रक्रिया अब तक चल रही है।
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जैन मंदिर मार्ग में जलजमाव का नहीं हुआ निदान
नाथनगर के जैन मंदिर मार्ग पर नाला निर्माण कछुए की गति से हो रहा है। सड़क के दोनों ओर 1976 मीटर आरसीसी नाला का निर्माण होना है। मोहल्ले का पूरा पानी मंदिर परिसर में जमा हो रहा है। नाला निर्माण की धीमी रफ्तार के कारण जैन मंदिर परिसर में अब भी जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। नगर निगम ने 2.20 करोड़ की लागत से दिगंबर जैन मंदिर से बुधिया अस्पताल तक पहले चरण में 600 मीटर पीसीसी सड़क का निर्माण कराया, जबकि सड़क की दूसरी छोर पर नाला निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है। नाला और सड़क के बीच एक-एक मीटर का पेवर ब्लाक भी बिछाने की योजना है, लेकिन इसपर कार्य नहीं हुआ है।
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निगम में चार से अधूरा है सम्राट अशोक भवन
नगर निगम परिसर में ही योजनाओं का खस्ताहाल है। मियाद हो गई पूरी पर अब तक सम्राट अशोक भवन का निर्माण कार्य अधूरा है। निगम परिसर में 2018 में 93 लाख की लागत से सम्राट अशोक भवन का निर्माण शुरू हुआ था। 2019 में मियाद पूरी हो गई। इसके बावजूद भवन अर्द्धनिर्मित है। निगम परिसर में चार वर्षों में पार्षद कक्ष भवन का भी निर्माण कार्य पूरा हुआ, लेकिन इसमें संसाधनों की आपूर्ति नहीं हुई। नगर आयुक्त के निरीक्षण के बाद कार्य पूरा होने की उम्मीद जगी है।
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कोट कार्य लंबित रखने वाले ऐसे ठीकेदारों की पहचान कर उसे नोटिस भेजा जाएगा। पहले भी नोटिस भेजा गया है। इस बार चेतावनी के साथ नोटिस भेजा जाएगा। संवेदक की शिकायत है कि प्राक्कलन में निर्धारित दर से अधिक कीमत पर निर्माण सामग्री मिल रही है। सात निश्चय के योजना के करीब 35 योजनाएं लंबित हैं। जैन मंदिर मार्ग पर नाले के निर्माण के प्राक्कलन में सुधार किया गया है। पूरक एग्रीमेंट के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है। ट्रेंचलेस का कार्य होगा। शीघ्र ही कार्य पूरा होगा।
- रेहान अहमद, योजना शाखा प्रभारी