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हर दिन मर रहे सूअर, सो रहा पशुपालन विभाग

शहर में पिछले तीन हफ्ते से पशु-पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है। हर दिन सूअर गाय लंगूर आदि की मौत हो रही है इसके बावजूद पशुपालन विभाग सो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 01:04 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 06:13 AM (IST)
हर दिन मर रहे सूअर, सो रहा पशुपालन विभाग

भागलपुर। शहर में पिछले तीन हफ्ते से पशु-पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है। हर दिन सूअर, गाय, लंगूर आदि की मौत हो रही है, इसके बावजूद पशुपालन विभाग सो रहा है। मौत का आकड़ा 915 पहुंच गया है। जांच रिपोर्ट में सूअरों की मौत का कारण क्लासिकल स्वाइन फ्लू बताया गया है।

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गुरुवार को 23 पशु-पक्षी मरे हैं। सुरखीकल में छह सूअर व एक गाय, वार्ड छह के विषहरी स्थान चौक पर तीन कुत्ते व कौशकी नाथ झा लेन में छह कौए, वार्ड 44 के हुसैनाबाद में छह सूअर व एक कुत्ते की मौत हुई है। यहां कब्रिस्तान के आसपास मृत सूअरों को फेंका गया है। पार्षद गजाला परवीन ने निगम को दफन करने की सूचना दी। बावजूद शव दफन नहीं किया गया।

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महामारी फैलने की आशंका से सहमे हैं लोग

सूअर सहित अन्य पशु-पक्षियों की सबसे अधिक मौतें सुरखीकल, बरारी, हाउसिंग कॉलोनी, हुसैनाबाद, परबत्ती, नाथनगर व कचहरी कैंपस के आसपास हो रही हो रही हैं। इन इलाकों में रहने वाले लोग महामारी फैलने की आशंका से सहमे हुए हैं। हालांकि सफाई कर्मी इन इलाकों में ब्लीचिंग व चूने का छिड़काव कर रहे हैं। पशुओं को नहीं दिया जा रहा वैक्सिन

क्लासिक स्वाइन फ्लू को रोकने के लिए अमूमन वैक्सिन दिया जाता है, लेकिन यहां पशुपालन विभाग के पास वैक्सिन उपलब्ध नहीं है। इसके बदले पशुपालकों को कुछ टैबलेट दिया जा रहा है, लेकिन क्लासिकल स्वाइन फ्लू के भय से पशुपालक सूअर के नजदीक नहीं जा रहे हैं। इससे वे लोग सअरों को दवा नहीं दे पा रहे हैं। डीएम की भी नहीं सुनते अफसर

लगातार हो रहे पशु-पक्षियों की मौत को देखते हुए डीएम प्रणव कुमार ने पशुपालन विभाग और नगर निगम को टीम गठित करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही डिटेंसन सेंटर बनाने के लिए कहा गया था। मायागंज में लगभग दस दिन पहले डिटेंशन सेंटर तो बन गया, लेकिन यहां एक भी बीमार सूअरों को नहीं रखा जा रहा है, जबकि सेंटर में बीमार सूअरों की पहचान कर लाने की जिम्मेदारी पशुपालन विभाग को दी गई थी। सुल्तानगंज व घोघो में भी हो चुकी है मौत

सूल्तानगंज में कुछ दिन पूर्व प्रखंड कार्यालय के पास करीब तीन सौ के आसपास सूअरों की मौत हो गई थी। वहां भी विभाग की ओर से अबतक कोई इंतजाम नहीं किया गया है। वहीं, कुछ दिन पूर्व घोघा में बड़ी संख्या में कौए की मौत हो गई थी। अब तक इन पशुओं की हो चुकी है मौत

तारीख पशुओं की संख्या

12 मार्च : 45

13 मार्च : 15

14 मार्च : 18

15 मार्च : 12

16 मार्च : 185

17 मार्च : 18

18 मार्च : 07

19 मार्च : 32

20 मार्च : 34

21 मार्च : 48

22 मार्च : 61

23 मार्च : 90

24 मार्च : 17

25 मार्च : 15

26 मार्च : 20

27 मार्च : 04

30 मार्च : 08

31 मार्च : 208

एक अप्रैल : 08

2 अप्रैल : 11

3 अप्रैल : 09

5 अप्रैल : 18

6. अप्रैल : 04

7 अप्रैल : 05

8 अप्रैल : 08

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कोट ::::

सूअरों को संक्रमण से बचाने के लिए पशुपालकों को दवा दी जा रही है। बीमार पशुओं को अलग रखने की सलाह दी गई है। सावधानी बरतने पर ही संक्रमण का खतरा कम होगा। सूअरों को स्वच्छ स्थान व भोजन देना होगा।

-श्ाभू नाथ झा, जिला पशुपालन अधिकारी

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- शहर में मरने वाले सूअरों को निगम की टीम दफन कर रही है। बीमार पशुओं के रखने के लिए डिटेंशन सेंटर भी बनाए गए है, लेकिन संक्रमण को रोकना पशुपालन विभाग का दायित्व है।

- सत्येंद्र वर्मा ,उपनगर आयुक्त नगर निगम

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- सूअरों को 12 फीट गड्ढे में दफन करें, इससे संक्रमण का खतरा कम होगा। खुले मे शव फेंकने पर हानिकारक वैक्टिरिया से लोग डायरिया जैसी बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं।

डॉ. शांतनु घोष, चिकित्सक


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