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cyber crime : सेंट जोसफ स्कूल के शिक्षक से एक लाख रुपये की ठगी

सेंट जोसेफ स्‍कूल के शक्षिक ने एयर इंडिया की फ्लाइट का टिकट बुक कराया गया था। फ्लाइट कैंसिल होने की स्थिति की उन्हें पैसे रिफंड आने थे।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 08:58 AM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 08:58 AM (IST)
cyber crime : सेंट जोसफ स्कूल के शिक्षक से एक लाख रुपये की ठगी
cyber crime : सेंट जोसफ स्कूल के शिक्षक से एक लाख रुपये की ठगी

भागलपुर, जेएनएन। एनटीपीसी के कहलगांव बिजलीघर के आवासीय कॉलोनी स्थित सेंट जोसफ स्कूल के भौतिक विज्ञान के शिक्षक केए जोसफ साइबर ठगी के शिकार हो गए। जोसफ द्वारा एयर इंडिया की फ्लाइट का टिकट बुक कराया गया था। फ्लाइट कैंसिल होने की स्थिति की उन्हें पैसे रिफंड आने थे। इंतजार करते करते उन्होंने 15 मई को नेशनल कंजयूमर कंप्लेंट फोरम में शिकायत की। वहां से मैसेज के माध्यम से किसी राहुल शर्मा के मोबाइल फोन पर संपर्क करने को कहा गया।

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दोपहर बारह बजकर चार मिनट पर जोसफ ने उस फोन नंबर पर संपर्क किया तो राहुल द्वारा उन्हें मोबाइल पर टीम व्यूअर क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड करने को कहा। एप डाउनलोड होने के बाद खोलने पर एक आईडी नं 72747309 आया, जिसे एलाउ करने का निर्देश था। शिक्षक जोसफ ने जैसे ही एलाउ किया तो उनके एसबीआई की शाखा सीएसटीपीपीए के खाता नं 11663888749 से पचास-पचास हजार रुपये के दो ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुल एक लाख रुपये निकल गए। इसी बीच राहुल के मोबाइल नंबर से बार-बार फोन किया जाने लगा तब तक शिक्षक जोसफ बैंक पहुंच गए थे। बैंककर्मियों ने शिक्षक को उस नंबर से बात न करने की सलाह दी गई। जोसफ द्वारा इस धोखाधड़ी की शिकायत एनटीपीसी थाने में की गई है।

साइबर अपराध रोकना पुलिस के लिए चुनौती साबित हो रहा है। लॉकडाउन के दौरानलोगों के खातों से लगातार साइबर अपराधी रुपये उड़ा रहे हैं। कभी बैंककर्मी तो कभी कस्टमर केयर सर्विस, कभी खरीद बिक्री से संबंधित बात तो कभी जनधन खाते के नाम पर साइबर अपराधी लोगों को फोन करते हैं। 

साइबर अपराधियों से लडऩे के लिए पुलिस के पास संसाधनों की कमी है। इसमें तकनीकी रूप से दक्ष जांच करने वाले पुलिसकर्मियों की जरूरत है। साइबर अपराधियों का पता लगाने के लिए अच्छे सॉफ्टवेयर की जरूरत है। एसएसपी आशीष भारती द्वारा साइबर क्राइम यूनिट इसी काम के लिए बनाया गया है, लेकिन ऐसे मामलों की जांच करने वाले अफसर तकनीकी रूप से दक्ष नहीं है। 


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