Corona vaccination in Bhagalpur: एक ओर स्वास्थ्य की कामना दूसरी ओर कोरोना को आमंत्रण
Corona vaccination in Bhagalpur कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर बेपरवाह हुए लोग सिस्टम भी सुस्त। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल में मास्क और शारीरिक दूरी के प्रति लोगों में दिखी उदासीनता। 55 फीसदी लोग दिखे बिना मास्क के।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है। दुनिया के कई देशों में कोरोना के नया वैरिएंट सी.1.2 ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। नए वैरिएंट के बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि यह टीका सुरक्षा को भी चकमा दे सकता है। बिहार में भले कोरोना संक्रमण कमजोर पडऩे लगा है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। देश के अन्य प्रदेशों में एक बार कोरोना संक्रमण की स्थिति ङ्क्षचताजनक होने लगी है। ऐसे में सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करने की अपील की जा रही है। दूसरी ओर आनलाक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद लोग कोरोना संक्रमण के खतरे के प्रति पूरी तरह से लापरवाह हो गए हैं। लोगों को कोरोना संक्रमण के खतरे के प्रति जागरूक करने वाला स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से उदासीन हो चुका है। मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर और सदर अस्पताल परिसर में कोरोना गाइडलाइन के प्रति कदम-कदम पर उदासीनता दिखाई दी।
11.10 बजे : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर के आउटडोर में निबंधन काउंटर पर मरीजों की लंबी कतार लगी थी। 150 से अधिक मरीज कतार में लगे थे। मुश्किल से 15 फीसदी लोग ही सही तरीके से मास्क पहने हुए थे। 55 फीसदी लोग के चेहरे पर मास्क नहीं थे। कुछ लोगों ने मास्क लगा रखा था, लेकिन मास्क मुंह के नीचे लटक रहा था। निबंधन काउंटर पर शारीरिक दूरी का अनुपालन कराने के लिए सुरक्षा घेरा बनाए गए थे, लेकिन लोग एक दूसरे से सटकर खड़े थे। काउंटर के समीप खड़े सुरक्षा कर्मी को भी शारीरिक दूरी का अनुपालन कराने की चिंता नहीं दिखी।
11.20 बजे : आउटडोर के बाहर पेड़ की छांव में कई मरीज के स्वजन बैठे थे। खगडिय़ा से आई शांति देवी ने कहा कि मेरे पुत्र को पेट में तेज दर्द था। दवा के बाद भी दर्द में आराम नहीं हो रहा था। इस कारण उसे लेकर यहां आ गई। उसे वार्ड में भर्ती किया गया है। मैं अपनी बेटियों के साथ यहां बैठी हूं। बांका के राजेश्वर कुमार ने कहा कि मेरी पत्नी यहां भर्ती है। कुछ और मरीज के स्वजन भी बैठे थे। किसी के चेहरे पर मास्क नहीं था। मास्क के बारे में पूछने पर शांति जहां साड़ी के पल्लू से चेहरा ढंकती नजर आई, वहीं राजेश्वर ने कहा कि मास्क जेब में है। अपने स्वजनों के स्वास्थ्य की कामना से आए इन लोगों को पता ही नहीं था कि वे कोरोना को आमंत्रण दे रहे हैं।
12.05 बजे : सदर अस्पताल में महिला और पुरुष के निबंधन काउंटर पर मरीजों की कतार लगी थी। यहां भीड़ कम थी। महिला काउंटर के पास तैनात सुरक्षा कर्मी लाइन में खड़ी महिलाओं को बार-बार मास्क पहनने की हिदायत दे रहे थे।
12.10 बजे : सदर अस्पताल के आउटडोर में चिकित्सक मरीज को देख रहे थे। चिकित्सक कक्ष के बाहर मरीजों की कतार लगी थी। सुरक्षा गार्ड एक एक कर मरीज को अंदर भेज रहे थे। शारीरिक दूरी के प्रति यहां भी लापरवाही दिखी। पूछने पर सुरक्षा गार्ड ने कहा कि बार-बार लोगों को समझाता हूं, अब लोग नहीं मानते हैं, तो क्या करें।