Move to Jagran APP

Corona effect : लॉकडाउन का पालन कर रहीं महिलाएं सुरक्षित, पुरुष लापरवाह

Corona effect कोरोना की दहशत के बीच आंकड़ों में यह पाया गया है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा कम संक्रमित हो रही हैं। महिलाएं आम दिनों में भी यूं ही आधी लॉकडाउन में ही रहती हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 01:02 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 01:02 PM (IST)
Corona effect : लॉकडाउन का पालन कर रहीं महिलाएं सुरक्षित, पुरुष लापरवाह
Corona effect : लॉकडाउन का पालन कर रहीं महिलाएं सुरक्षित, पुरुष लापरवाह

भागलपुर [संजय सिंह]। कोरोना की दहशत के बीच आंकड़ों में यह पाया गया है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा कोरोना से कम संक्रमित हो रही हैं। जानकारों का कहना है कि महिलाएं आम दिनों में भी यूं ही आधी लॉकडाउन में ही रहती हैं। पुरुष बाहर-आना जाना करते हैं और हर तरह के लोगों से मिलते हैं। इस कारण महिलाओं की अपेक्षा पुरुष इस वायरस से अधिक संक्रमित हुए हैं। कोरोना के कहर से पूर्व बिहार अधिक प्रभावित है।

loksabha election banner

पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में सर्वाधिक लोगों की स्क्रीनिंग बिहार के किशनगंज जिले में हुई है। यह नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है। झारखंड की सीमा को छूने के कारण बांका भी स्क्रीनिंग के मामले में दूसरे स्थान पर है। इन इलाकों में खगडिय़ा जिले में सबसे कम लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। कोसी का हाल तो यह है कि यहां से संदिग्धों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भागलपुर भेजे जा रहे हैं। सहरसा कहने को तो प्रमंडल है, लेकिन यहां भी अब तक संदिग्धों की जांच की बेहतर व्यवस्था नहीं हो पाई है। कमोवेश यही स्थिति सीमांचल के पूर्णिया प्रमंडल का भी है। इस प्रमंडल में किशनगंज और कटिहार में दो मेडिकल कॉलेज हैं, लेकिन पूर्णिया में मेडिकल कॉलेज नहीं है। यहां आने वाले संदिग्धों को जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल, भागलपुर रेफर कर दिया जाता है। पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में 13,326 लोग घरों पर क्वारंटाइन किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि परदेस से आ रहे गांव-जवार के लोगों की सूचना उन तक नहीं पहुंच पाती है। सूचना मिलने के बाद भी यदि टीम ऐसे लोगों को अस्पताल लाने जाती है तो लोग ङ्क्षहसा पर उतारू हो जाते हैं। आज ही कटिहार के बारसोई में कुछ परदेसी मजदूरों के आने की सूचना मिली। स्वास्थ्य विभाग की टीम जब वहां पहुंची तो ग्रमाीणों ने इन्हें खदेड़ दिया। इन ग्रामीणों को यह नहीं पता है कि एक संक्रमित कितनों को बीमारी बांट सकता है।

(जिले में स्क्रीनिंग के आंकड़े)

जिला : पुरुष : महिला

जमुई : 3510 : 401

लखीसराय : 1323 : 255

मुंगेर : 1800 : 1700

सुपौल : 609 : 300

सहरसा : 2550 : 150

मधेपुरा : 4405 : 870

अररिया : 2938 : 825

खगडिय़ा : 348 : 57

किशनगंज : 19,000 : 800

कटिहार : 1525 : 475

पूर्णिया : 1750 : 400

भागलपुर : 2500 : 700

बांका : 12,500 : 400

महिलाएं घर से कम निकलती हैं। ये लॉकडाउन को अधिक फॉलो करती हैं। अधिकांश महिलाओं में किसी प्रकार का व्यसन नहीं है। पुरुषों को काम के लिए घर से बाहर जाना होता है। - डॉ. आलोक कुमार सिंह, प्राध्यापक, जेएलएनएमसीएच, भागलपुर

महिलाएं आम तौर पर सुरक्षित जीवनशैली अपनाती हैं। इसपर अभी अनुसंधान चल रहा है कि महिलाओं और पुरुषों के जीन में अधिक मजबूत कौन है। इसके परिणाम आने के बाद दावे के साथ कुछ कहा जा सकता है। डॉ. नरोत्तम सिंह, रेफरल अस्पताल, झाझा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.