Move to Jagran APP

Corona Effect : अपनों को देखते ही छलक उठी आंखें, निगाहें ढूंढ़ रही थी अपनों को

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने और इसके प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। इस कारण यहां के छात्र बाहर में फंसे हुए थे।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 01:17 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 01:17 PM (IST)
Corona Effect : अपनों को देखते ही छलक उठी आंखें, निगाहें ढूंढ़ रही थी अपनों को
Corona Effect : अपनों को देखते ही छलक उठी आंखें, निगाहें ढूंढ़ रही थी अपनों को

भागलपुर [नवनीत मिश्र]। दिन के दो बजे। बरौनी से भागलपुर आई बसें एक-एक कर राजकीय पॉलिटेक्निक परिसर में घुसने लगीं। इन बसों में कोटा में पढऩे वाले विद्यार्थी थे। छात्रा-छात्राओं के चेहरे पर थकान साफ छलक रही थी। आंखों में आंसू थे। लंबे इंतजार के बाद आखिर वे अपने घर पहुंच गए थे।

loksabha election banner

बस से उतरते ही सभी की निगाहें अपनों को ढूंढ़ रही थीं। कोटा से भागलपुर पहुंची अंकिता भारती ने बताया कि जिस दिन लॉकडाउन हुआ, उसी दिन से न तो पढऩे की इच्छा हो रही थी और न ही खाने की। रात में नींद नहीं आ रही थी। अजीब तरह का भय था। सरकार के प्रयास से हम अपने घर आ पाए हैं। जब कोटा से ट्रेन पर बैठे तो विश्वास नहीं हो रहा था कि अपने घर जा रहे हैं। वैसे, ट्रेन में भी कोरोना का भय लग रहा था।

दूसरी बस से उतरी निक्की ने बताया कि कोटा में रहकर न तो लॉकडाउन का पालन कर पा रहे थे और न ही शारीरिक दूरी का। एक ही कमरे में कई लड़कियां साथ रह रही थीं। उनके साथ आई पूजा ने बताया कि वहां किसी चीज की कमी नहीं रहने के बावजूद हमेशा डर लगता था कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए। अपनों से मुलाकात हो पाएगी या नहीं। यहां पहुंचने के बाद मन कर रहा है, चिल्ला कर रोएं।

पूजा और निक्की से कुछ दूर खड़ी मोनी ने कहा भागलपुर पहुंच गए हैं तो अब घर भी पहुंच जाएंगे। उसने बताया कि ट्रेन और बस में शारीरिक दूरी का पालन कराया गया। नाश्ता, खाना और पानी की कोई तकलीफ नहीं हुई। इनके साथ पहुंची अधिसंख्य लड़कियों का कहना था कि वे अब यहीं रहकर मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी करेंगी।

छात्र अमन राज व प्रिंस कुमार का कहना था कि लॉकडाउन की वजह से वहां भी कोचिंग संस्थान बंद ही थे। घर से दूर होने की वजह से हमेशा टेंशन में ही थे। खैर, सब कुछ सामान्य हो जाएगा तब आगे वहां जाने के बारे में सोचेंगे।

बरौनी और भागलपुर में हुई छात्रों की स्क्रीनिंग

कोटा से भागलपुर पहुंचे छात्र-छात्राओं को तीन जगहों पर स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ा। पहले कोटा में स्क्रीनिंग की गई। बरौनी में उतरने के बाद फिर स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद भागलपुर के पॉलिटेक्निक कॉलेज में स्क्रीनिंग की गई।

स्क्रीनिंग के दौरान किसी भी छात्र-छात्रा में कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं दिए। स्क्रीनिंग के बाद जिन बच्चों के माता-पिता मिलने आए हुए थे, उनकी आंखें डबडबा गई थीं। कुछ बच्चे तो मां से गले मिलकर रोने भी लगे थे।

शारीरिक दूरी के पालन को एक बस में सिर्फ 27 छात्र-छात्राएं

380 विद्यार्थियों को लाने के लिए 14 बसें बरौनी भेजी गई थीं। एक बस में सिर्फ 27 छात्र-छात्राओं को जगह दी गई, जबकि उसमें 52 सीटें होती हैं। शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए आधी संख्या ही रखी गई थी।

बस से उतरने के बाद भी शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए उनकी स्क्रीनिंग कराई गई। इसके बाद सभी को क्वारंटाइन के लिए संबंधित गृह प्रखंडों में भेज दिया गया। शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों को यहीं क्वारंटाइन कर दिया गया।

बस को लगाना पड़ा धक्का

छात्र अमन राज ने बताया कि बरौनी से भागलपुर आने के दौरान कई बार बसें बंद हो गई थीं। उसे स्टार्ट करने के लिए छात्रों को धक्का तक लगाना पड़ा। ऐसा कई बार हुआ।

पीने के लिए मिली लस्सी

छात्र-छात्राओं को स्क्रीनिंग के पूर्व पानी, चाय, लस्सी, बिस्कुट दिया गया। इसके बाद एक-एक कर सभी की स्क्रीनिंग की गई। बच्चों से मिलने पहुंचे अभिभावकों को स्क्रीनिंग के पूर्व नहीं मिलने दिया गया।

ई-रिक्शा से पहुंचे गंतव्य तक

स्क्रीनिंग की प्रक्रिया के बाद वे बच्चे गंतव्य की ओर ई-रिक्शा से रवाना हो गए, जिनके अभिभावक पहुंचे थे। जिनके अभिभावक नहीं आए थे उन बच्चों को जिला प्रशासन के द्वारा घर भेजने की व्यवस्था की गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.