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Corona effect : लॉकडाउन में छात्राएं मां के साथ सीख रहीं कुकिंग

लॉकडाउन ने छात्रों को और भी आत्मनिर्भर बना दिया। अब छात्र कुकिंग भी सीख रहे हैं। सीबीएसइ बोर्ड ने छठी से 12वीं के छात्र-छात्राओं को के पाठ्यक्रम में कुकिंग भी शामिल किया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 03:42 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 03:42 PM (IST)
Corona effect : लॉकडाउन में छात्राएं मां के साथ सीख रहीं कुकिंग

भागलपुर [रजनीश]। लॉकडाउन ने दिनचर्या बदलने के साथ छात्रों को और भी आत्मनिर्भर बना दिया। अब छात्र कुकिंग भी सीख रहे हैं। सीबीएसइ बोर्ड ने छठी से 12वीं के छात्र-छात्राओं को के पाठ्यक्रम में कुकिंग भी शामिल किया है। इसके बाद ज्यादातर छात्राएं किचन में मां के साथ रसोई बनाना सीख रही हैं। ये मां से नए-नए डिश बनाने के बारे में जान रही हैं। पूर्व बिहार के जमुई, लखीसराय मुंगेर, बांका, भागलपुर, कोसी-सीमांचल के पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनंगज, बेगूसराय जिले में 200 के करीब सीबीएसइ स्कूल हैं। भागलपुर जिले में 125 स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम की पढ़ाई होती है। इसमें 26 स्कूल ही निबंधित हैं। 

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मां सिखा रहीं तनीषा को

एसकेपी विद्या विहार की नवम वर्ग की छात्रा तनीषा रानी कहती हैं कि वह सिलेबस के अनुसार पढ़ाई कर रही हैं। इसके अलावा सुबह और रात में मां उन्हें कुकिंग सिखा रही हैं।

बहुत कुछ सीख गई हूं 

नवम वर्ग की अंशु प्रिया कहती हैं कि सीबीएसइ के पाठ्यक्रम में रसोई को शामिल किया गया है। ये मम्मी और पापा से खाना बनाने के बारे में सीख रही हैं। सब्जी, दाल और भुजिया बनाना सीख गई हैं। 

पढ़ाई के बाद जाती हैं रसोई में 

फ्लोरा ठाकुर नवमी की छात्रा हैं। इन दिनों पढ़ाई समाप्त करने के बाद मां के साथ किचन में भी ये समय दे रही हैं। इनकी मां घर में खाना बनाती हैं। अब घर पर होने की वजह से वह भी कुकिंग सीख रही हैं।

पाठ्यक्रम में कुकिंग के फायदे 

-ज्यादातर माता-पिता को परेशानी यह होती है कि उन का बच्चा सारी सब्जियां नहीं खाना चाहते।  

-पढ़ाई के बोझ के कारण बच्चेे अब तक किचन से दूर थे। 

-स्वजन की मानें तो बच्चों के सामने खाना बनाने से उन्हें कई जानकारियां मिलती है। स्कूल से आने के बाद बच्चे पढ़ाई में व्यस्त हो जाते हैं। अभी छुट्टी है तो बच्चे सीख रहे हैं।

-कई बच्चे बाहर में पीजी या होस्टल रह कर पढ़ाई पढ़ती है। ऐसी स्थिति में खाना बनाना उन्हें नहीं आता। 

-स्वजन की मानें तो बच्चों को कुकिंग का प्रशिक्षण देने से कई फायदे हैं। कभी घर में यदि कोई खाना बनाने वाले नहीं रहते हैं तो बच्चे कमान संभाल सकते हैं। 

-वह मनपसंद और सेहतमंद खाने के लिए किसी पर निर्भर न रह कर खुद कुकिंग कर सकते हैं। 

अभिभावक बच्चों को सिखाएं कुकिंग 

सीबीएसइ ने पाठ्यक्रम में कुकिंग को शामिल किया गया है। अभी लॉकडाउन में स्कूल बंद है। ऐसे में बच्चों को कुकिंग सीखने का इससे बेहतर अवसर नहीं मिलेगा। मम्मी और घर के सदस्यों से इस समय बच्चों को कुकिंग के बारे में बताएं। बच्चे सिलेबस के अनुसार ऑनलाइन पढ़ाई करें। घर में बैठकर पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़े। जरूरत पड़े तो इंटरनेट का सहारा भी ले सकते हैं। -अनिता कुंवर, प्राचार्य, डिवाइन हैप्पी स्कूल। 

बच्चों को रिसोर्स स्टडी करना चाहिए। स्कूल बंद है, इसलिए आगे की तैयारी करें। समय का सदुपयोग करें। सीबीएसई और एनसीआरटी की ओर से जारी गाइडलाइन का अवलोकन करें, सेल्फ स्टडी पर ज्यादा ध्यान दें। इससे स्कूल खुलने तक आपके पास सवालों की लिस्ट होगी। गूगल और यूट्यूब पर भी पाठ्यकक्रम मौजूद है। -केके सिन्हा, सिटी कॉर्डिनेटर, सीबीएसइ। 

लॉकडाउन ने दिनचर्या बदलने के साथ छात्रों को और भी आत्मनिर्भर बना दिया। अब छात्र कुकिंग भी सीख रहे हैं। सीबीएसइ बोर्ड ने छठी से 12वीं के छात्र-छात्राओं को के पाठ्यक्रम में कुकिंग भी शामिल किया है। इसके बाद ज्यादातर छात्राएं किचन में मां के साथ रसोई बनाना सीख रही हैं। ये मां से नए-नए डिश बनाने के बारे में जान रही हैं। पूर्व बिहार के जमुई, लखीसराय मुंगेर, बांका, भागलपुर, कोसी-सीमांचल के पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनंगज, बेगूसराय जिले में 200 के करीब सीबीएसइ स्कूल हैं। भागलपुर जिले में 125 स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम की पढ़ाई होती है। इसमें 26 स्कूल ही निबंधित हैं।

मां सिखा रहीं तनीषा को

एसकेपी विद्या विहार की नवम वर्ग की छात्रा तनीषा रानी कहती हैं कि वह सिलेबस के अनुसार पढ़ाई कर रही हैं। इसके अलावा सुबह और रात में मां उन्हें कुकिंग सिखा रही हैं।

बहुत कुछ सीख गई हूं

नवम वर्ग की अंशु प्रिया कहती हैं कि सीबीएसइ के पाठ्यक्रम में रसोई को शामिल किया गया है। ये मम्मी और पापा से खाना बनाने के बारे में सीख रही हैं। सब्जी, दाल और भुजिया बनाना सीख गई हैं।

पढ़ाई के बाद जाती हैं रसोई में

फ्लोरा ठाकुर नवमी की छात्रा हैं। इन दिनों पढ़ाई समाप्त करने के बाद मां के साथ किचन में भी ये समय दे रही हैं। इनकी मां घर में खाना बनाती हैं। अब घर पर होने की वजह से वह भी कुकिंग सीख रही हैं।

पाठ्यक्रम में कुकिंग के फायदे

-ज्यादातर माता-पिता को परेशानी यह होती है कि उन का बच्चा सारी सब्जियां नहीं खाना चाहते।

-पढ़ाई के बोझ के कारण बच्चेे अब तक किचन से दूर थे।

-स्वजन की मानें तो बच्चों के सामने खाना बनाने से उन्हें कई जानकारियां मिलती है। स्कूल से आने के बाद बच्चे पढ़ाई में व्यस्त हो जाते हैं। अभी छुट्टी है तो बच्चे सीख रहे हैं।

-कई बच्चे बाहर में पीजी या होस्टल रह कर पढ़ाई पढ़ती है। ऐसी स्थिति में खाना बनाना उन्हें नहीं आता।

-स्वजन की मानें तो बच्चों को कुकिंग का प्रशिक्षण देने से कई फायदे हैं। कभी घर में यदि कोई खाना बनाने वाले नहीं रहते हैं तो बच्चे कमान संभाल सकते हैं।

-वह मनपसंद और सेहतमंद खाने के लिए किसी पर निर्भर न रह कर खुद कुकिंग कर सकते हैं।

अभिभावक बच्चों को सिखाएं कुकिंग

सीबीएसइ ने पाठ्यक्रम में कुकिंग को शामिल किया गया है। अभी लॉकडाउन में स्कूल बंद है। ऐसे में बच्चों को कुकिंग सीखने का इससे बेहतर अवसर नहीं मिलेगा। मम्मी और घर के सदस्यों से इस समय बच्चों को कुकिंग के बारे में बताएं। बच्चे सिलेबस के अनुसार ऑनलाइन पढ़ाई करें। घर में बैठकर पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़े। जरूरत पड़े तो इंटरनेट का सहारा भी ले सकते हैं। -अनिता कुंवर, प्राचार्य, डिवाइन हैप्पी स्कूल।

बच्चों को रिसोर्स स्टडी करना चाहिए। स्कूल बंद है, इसलिए आगे की तैयारी करें। समय का सदुपयोग करें। सीबीएसई और एनसीआरटी की ओर से जारी गाइडलाइन का अवलोकन करें, सेल्फ स्टडी पर ज्यादा ध्यान दें। इससे स्कूल खुलने तक आपके पास सवालों की लिस्ट होगी। गूगल और यूट्यूब पर भी पाठ्यकक्रम मौजूद है। -केके सिन्हा, सिटी कॉर्डिनेटर, सीबीएसइ।


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