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Corona effect : बैंड बजाने वालों की कोरोना ने निकाली बारात, पुस्तैनी धंधा बंद

कोरोना वायरस ने इनकी पुस्तैनी धंधे की बैंड बजा दी है। लॉकडाउन की वजह से चार महीने से काम पूरी तरह से बंद है। धंधा बंद होने के कारण इनका रोजगार छीन गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 05:23 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 05:23 PM (IST)
Corona effect : बैंड बजाने वालों की कोरोना ने निकाली बारात, पुस्तैनी धंधा बंद
Corona effect : बैंड बजाने वालों की कोरोना ने निकाली बारात, पुस्तैनी धंधा बंद

भागलपुर [रजनीश]। शादी-विवाह, मांगलिक कार्य, मुंडन, यज्ञोपवित, समारोह में बैंड-बाजे की धुन पर बारातियों और लोगों को नाचने को मजबूर करने वाले बैंड पार्टियों की कोरोना ने बारात निकाल दी है। कोरोना वायरस ने इनकी पुस्तैनी धंधे की बैंड बजा दी है। लॉकडाउन की वजह से चार महीने से काम पूरी तरह से बंद है। धंधा बंद होने के कारण इनका रोजगार छीन गया है। अब यह दूसरे रोजगार की तलाश में लगे हैं। भागलपुर शहरी क्षेत्र में दो दर्जन से ज्यादा बैंड-पार्टी, ताशा, भांगडा वाले हैं। सैकड़ों लोग इस व्यवसाय से जुड़े हैं। आलम यह है कि शादी समारोह पर शहनाई और सड़कों पर बजते बैंड कमरे तक ही सीमित हो गए हैं। इनकी हालत दयनीय हो गई है। कोई देखने वाला नहीं है। सरकारी मदद के आस लगाए बैठें हैं।

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10 से 20 संख्या होती है एक पार्टी में

बैंड पार्टी में मास्टर के अलावा 10 से 20 लोग शामिल होते हैं। बुकिंग के हिसाब से टीम में शामिल सदस्यों को भुगतान किया जाता है। अमूमन एक बैंड पार्टी का एक साल में तीन से चार लाख की आमद होती थी। शुभ मुहूर्त और लगन के हिसाब से बुकिंग होती है। बैंड संचालक मु. इबरार की मानें तो 13 हजार से लेकर  35 हजार तक की बुकिंग होती थी।

धान की रोपनी और दूसरे जगह मजदूरी कर रहे

बैंड-पार्टी में शामिल बैंड बजाने वाले धान की रोपनी कर रहे हैं। इनकी दयनीय स्थिति पूरी तरह गड़बड़ा गई है। बैंड बजाकर वर्षो से जीवन-यापन कर रहे थे। लेकिन, कोरोना के कारण इनका पुस्तैनी धंधा बंद होने से स्थिति गड़बड़ा गई है। बैंड संचालक मु. आरिफ ने बताया कि उनके टीम के सदस्य दिल्ली और पंजाब रोजगार की तलाश में चल गए हैं।

लॉकडाउन ने कमर तोड़कर रख दी है। लॉकडाउन से ही पुस्तैनी धंधा पूरी तरह से बंद है। घर का चूल्हा भी जलना मुश्किल हो गया है। बैंड पार्टी में शामिल सदस्यों की हालत भी खास्ता है। सरकार को मदद करनी चाहिए, ताकि किसी तरह जीवन-यापन हो सके। -मु. इबरार, आजाद बैंड पार्टी।

सरकार को बैंड-पार्टी वाले के बारे में सोचने की जरूरत है। कोई रास्ता नहीं है। शादी-विवाह में बुकिंग नहीं हो रही है। ऐसे में धंधा मंदा हो गया है। यह धंधा कई पुश्त से चल रहा है। लॉकडाउन ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। -मास्टर आजाद, महाराज बैंड पार्टी।


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