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Corona effect : ईद पर भी कोरोना का साया, घरों में पढ़ी जाएगी नमाज, जानिए... कैसी है तैयारी

Corona effect आज ईद है। लेकिन इस बार के ईद में कोरोना का साया है। इस कारण घरों में नमाज पढ़ी जाएगी। ईदगाह और मस्जिदों की कुछ ऐसी तैयारी है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 08:18 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 08:18 AM (IST)
Corona effect : ईद पर भी कोरोना का साया, घरों में पढ़ी जाएगी नमाज, जानिए... कैसी है तैयारी
Corona effect : ईद पर भी कोरोना का साया, घरों में पढ़ी जाएगी नमाज, जानिए... कैसी है तैयारी

भागलपुर, जेएनएन। इस बार के ईद में कोरोना का साया है। लॉकडाउन में ईद मनाई जा रही है। घरों में नमाज पढ़े जाएंगे। ईदगाह और मस्जिदों की कुछ ऐसी तैयारी है।

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मस्जिद व ईदगाहों में नहीं होगी नमाज

लॉकडाउन की वजह से मस्जिद व ईदगाहों में ईद की नमाज नहीं होगी। मौलाना मासूम रजा के अनुसार जिस तरह से पहले तीन से चार लोग जमात के साथ नमाज पढ़ रहे थे, उसी तरह मस्जिदों में अदा करेंगे। बांकी लोग अपने-अपने घरों में शुकराने की नमाज पढ़ेंगे।

ईद की नमाज से पहले दें सदका फित्र

रमजान में रोजे के दौरान होने वाली कमी और खामी के लिए सदका फित्र देना जरूरी है। जिस पर जकात फर्ज है। उसको अपने स्वजनों की तरफ से प्रति व्यक्ति 50 रुपये सदका निकालना जरूरी है। उक्त बातें मौलाना अहमद अशरफ ने कहीं। उन्होंने कहा कि सदका से छह फायदे मिलते हैं। तीन दुनिया में और तीन आखरत में। सदका का फायदा यह भी है कि दुनिया में रोजी-रोटी व दौलत में वृद्धि होगी।

चांद का दीदार 

रविवार की शाम 30 रोजा मुकम्मल करने के बाद लोगों में चांद देखने की उत्सुकता बढ़ गई थी। लोगों ने छतों और मैदानों में आकर चांद का दीदार किया था। अमन और सलामती की दुआ मांगी। इसके बाद एक-दूसरे को मुबारकबाद देने का सिलसिला शुरू हो गया। चांद के दीदार के बाद लोग ईद की तैयारी में जुट गए थे।

बाजारों में खरीदारी को जुटे लोग

तातारपुर, वेरायटी चौक, भीखनपुर, नाथनगर व चंपानगर आदि इलाकों में देर शाम सात बजे से ही ईद की तैयारी को लेकर चहल-पहल शुरू हो गई। तातारपुर में रात नौ बजे तक बाजार खुला रहा। लोगों ने इत्र, लच्छा सेवई, शिरमाल, दूध, दही, रूमाल, गमछा आदि की खरीदारी की। बच्चों के लिए कपड़े, जूते-चप्पल आदि भी खरीदे गए।

20 से 11 सौ रुपये तक में बिका इत्र

बाजार में 20 रुपये से लेकर 11 सौ रुपये तक का इत्र उपलब्ध था। आइस ब्लू, ब्लू स्पोट्स, व्हाइट लंदन, ब्लैक मुस्क, मदीना, स्वीट हर्ट, मुखल्लत, मजमुआ, जन्नतउल फिरदौस व बेला आदि की मांग रही।

महंगी बिकी सेवाइयां और टोपी

इस बार तातारपुर से स्टेशन के बीच अस्थायी दुकानें नहीं लगाई गईं। लॉकडाउन व शरीरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए फुटपाथ पर सेवई, इत्र, सिरमाल व टोपी बेचे गए। बाजार में आपूर्ति कम होने के चलते सेवाइयां और टोपी का बाजार पिछले साल की तरह नहीं दिखा। कीमतें भी अधिक रहीं। तातारपुर के मु. छोटू व रहमान ने बताया कि पिछले साल जो सेवाइयां 40 से 60 रुपये मिली थी इस बार 80 से 120 रुपये तक में मिली। टोपी भी 30 की जगह 40 और 50 रुपये प्रति पीस की दर से बिके।

पकवान बनाने में व्यस्त रहीं महिलाएं

चांद दिखने के बाद बच्चों में ईद माने की खुशी थी तो वही महिलाएं पकवान की तैयारी में जुट गईं। रात भर जाग कर विभिन्न प्रकार की सेवइयां बनाई। दहीबड़ा, छोले-भटोरे, कई तरह का हलवा आदि व्यंजन भी बनाए गए। रात ही में घरों की साज-सज्जा व सफाई की गई।

ईद का बदला-बदला होगा नजारा

कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से इस बार ईद में बहुत से धार्मिक कार्य नहीं हो सकेंगे। यह ऐसा पहला मौका होगा जब लोग गले नहीं मिल सकेंगे। ना ही एक-दूसरे से हाथ मिला सकेंगे। यहां तक कि बहुत सारे रिश्तेदारों के घर भी नहीं जा सकेंगे। इस बार की ईद में लोग गिले-शिकवे को भुलाने के लिए मोबाइल का सहारा लेंगे। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ईद की मुबारकबाद देंगे।


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